Newsclick Raids: दिल्ली में न्यूजक्लिक का ऑफिस सील, 37 लोगों से पूछताछ के बाद 2 आरोपी गिरफ्तार, कई दस्तावेज जब्त
दिल्ली पुलिस ने आतंकवाद रोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज एक मामले में समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ और उसके पत्रकारों से जुड़े 30 परिसरों पर मंगलवार को छापे मारे और बाद में उसके कार्यालय को सील कर दिया.
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर: दिल्ली पुलिस ने आतंकवाद रोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ और उसके पत्रकारों से जुड़े 30 परिसरों पर मंगलवार को छापे मारे और बाद में उसके कार्यालय को सील कर दिया.
‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ यह कार्रवाई इस आरोप के बाद की गई है कि उसने चीन के समर्थन में प्रचार करने के लिए धन प्राप्त किया.
पुलिस ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में केंद्रित विशेष प्रकोष्ठ की छापेमारी सुबह शुरू हुई और इसमें अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक एवं प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को ‘न्यूजक्लिक’ के दक्षिणी दिल्ली कार्यालय ले जाया गया जहां एक फोरेंसिक टीम मौजूद थी. China Funding Case: दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक के पत्रकारों से की पूछताछ, जानें क्या है पूरा मामला
सूत्रों ने बताया कि जिन व्यक्तियों से पूछताछ की गई है उनमें पत्रकार उर्मिलेश, औनिंद्यो चक्रवर्ती, अभिसार शर्मा और परंजय गुहा ठाकुरता के साथ ही इतिहासकार सोहेल हाशमी और सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एंड डेवलपमेंट के डी. रघुनंदन शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने विभिन्न मुद्दों से संबंधित 25 सवाल पूछे जिनमें उनकी विदेश यात्राओं, शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन, किसान आंदोलन आदि से संबंधित सवाल शामिल थे.
सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों से पूछताछ की गई है उन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है-ए, बी और सी. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भुवनेश्वर में कहा कि देश की जांच एजेंसी स्वतंत्र हैं और वे कानून के अनुसार काम करती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘... यदि किसी ने कुछ गलत किया है, तो जांच एजेंसी उस संबंध में काम करती हैं... यह कहीं नहीं लिखा कि यदि आपने अवैध तरीके से धन प्राप्त किया है या कुछ आपत्तिजनक किया है, तो जांच एजेंसी उसकी जांच नहीं कर सकतीं.’’
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और समाजवादी पार्टी के अलावा ‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ ने इस छापेमारी को लेकर सरकार की निंदा की है. करीब छह घंटे की पूछताछ के बाद उर्मिलेश और चक्रवर्ती लोधी रोड स्थित विशेष प्रकोष्ठ कार्यालय से शाम करीब सवा चार बजे बाहर निकले. इस दौरान उन्होंने वहां एकत्र मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब नहीं दिया. इस दौरान उर्मिलेश ने कहा, ‘‘मैं कुछ नहीं बोलूंगा.’’ करीब एक घंटे बाद शर्मा जांच एजेंसी के दफ्तर से बाहर आये. उनके बाद रघुनंदन बाहर आये, जिन्होंने पत्रकारों को बताया कि उनसे ‘न्यूज़क्लिक’ के बारे में बहुत सामान्य प्रश्न पूछे गए.
इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी ‘न्यूजक्लिक’ के वित्त पोषण के स्रोतों की जांच के तहत कंपनी के परिसरों पर छापे मारे थे. अधिकारियों ने कहा कि विशेष प्रकोष्ठ केंद्रीय एजेंसी से मिली जानकारी के आधार पर छापे मार रहा है. अधिकारियों ने बताया कि विशेष प्रकोष्ठ ने आतंकवादरोधी अधिनियम, यूएपीए के तहत एक नया मामला दर्ज कर जांच शुरू की है.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि छापेमारी की कार्रवाई यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 153ए (दो समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत अगस्त में दर्ज किए गए एक मामले के आधार पर की गई. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने ‘न्यूजक्लिक’ के कुछ पत्रकारों के लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त किए हैं.
विशेष प्रकोष्ठ के एक दल ने अभिसार शर्मा से नोएडा एक्सटेंशन स्थित उनके घर में पूछताछ की, जिसके बाद प्रकोष्ठ के अधिकारी उन्हें अपने साथ ले गये. पुलिस द्वारा हिरासत में लिये जाने से पहले अभिसार शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘‘दिल्ली पुलिस मेरे घर पहुंची. मेरा लैपटॉप और फोन ले लिया.’’ एक अन्य पत्रकार सिंह ने भी ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘अंतत: मेरे फोन से आखिरी ट्वीट. दिल्ली पुलिस मेरा फोन जब्त कर रही है.’’
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