नई दिल्ली, 2 मई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में अपने तीसरे पूरक आरोपपत्र में कहा है कि यह घोटाला 192.8 करोड़ रुपये का है. ईडी ने आरोपी अरुण पिल्लई का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि उसने अवैध कमाई के सृजन में सक्रिय रूप से भाग लिया था. यह भी पढ़ें: Delhi Liquor Scam: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट से राहत नहीं, जमानत याचिका खारिज, दिल्ली HC में कर सकते हैं अपील
आरोपपत्र में ईडी ने दावा किया, .. इंडो स्पिरिट्स के गठन की साजिश में भाग लेना, थोक में ज्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए नीति का मसौदा तैयार करना और रिश्वत की पूरी साजिश को अंजाम देना - अरुण पिल्लई ने इन सबमें सक्रिय रूप से भाग लिया और 192.8 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की. पिल्लई को इसमें 32.86 करोड़ रुपये का हिस्सा मिला.
इसमें आगे कहा गया है कि पिल्लई ने 32.8 करोड़ रुपये से 6.45 करोड़ रुपए इंडिया अहेड, आंध्र प्रभा प्रकाशन और गौतम मूथा को हस्तांतरित किए जिसका संबंध एक अन्य सह-आरोपी अभिषेक बोइनपल्ली के साथ है. ईडी ने आगे दावा किया कि पिल्लै ने इस अवैध कमाई को बेदाग दिखाने दिखाने के लिए इसे वास्तविक कारोबार से प्राप्त राशि के रूप में दिखाने की कोशिश की.