नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार यहां संत रविदास के मंदिर (Sant Ravidas Temple) को गिराए जाने से चिंतित है और वह इसमें शामिल नहीं है. केजरीवाल का यह बयान बसपा प्रमुख व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Ex- CM Mayawati) की टिप्पणी के बाद आया है. मायावती ने कहा है कि केंद्र व दिल्ली सरकार, दोनों तुगलकाबाद में मंदिर विध्वंस में शामिल रहे हैं. मायावती ने दोनों सरकारों से नए मंदिर निर्माण के लिए भुगतान करने को भी कहा. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार भी इस कार्रवाई के खिलाफ है.
केजरीवाल ने ट्वीट किया, "मायावती जी, मंदिर के गिराए जाने से हम सब लोग बेहद व्यथित हैं। इसका सख्त विरोध करते हैं. मुझे दुख है कि आप केंद्र के साथ इसके लिए हमें दोषी मानती हैं। दिल्ली में जमीन केंद्र सरकार के अधीन आती है. हमारी सरकार का इस मंदिर के गिराए जाने में कोई हाथ नहीं है."सोमवार को आप ने इस विध्वंस के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. यह भी पढ़े: दिल्ली और मोदी सरकार पर मायावती का बड़ा हमला, लगाया संत रविदास मंदिर गिराने का आरोप
मायावती जी, मंदिर के गिराए जाने से हम सब लोग बेहद व्यथित हैं। इसका सख़्त विरोध करते हैं
मुझे दुःख है कि आप केंद्र के साथ इसके लिए हमें दोषी मानती हैं। दिल्ली में “ज़मीन” केंद्र सरकार के अधीन आती है। हमारी सरकार का इस मंदिर के गिराए जाने में कोई हाथ नहीं। https://t.co/6OZvpvuq4b
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 14, 2019
दिल्ली के सामाजिक कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को इस ढांचे को फिर से बनाने के लिए कहने का आग्रह किया. गौतम ने आरोप लगाया कि डीडीए ने मंदिर को गिरा दिया. डीडीए ने कहा है कि मंदिर गिराने का कार्य सुप्रीम कोर्ट के 9 अगस्त के आदेश के तहत किया गया है.