Delhi: सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलजी को लिखा पत्र, कहा- चुनी हुई सरकार को लोगों के लिए काम करने दें
इस प्रथा का पालन पिछले उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल ने भी किया था. हालांकि, वर्तमान उपराज्यपाल ने एक सुबह, 10 नाम तय किए और मुख्य सचिव को अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया. मुख्य सचिव ने अनुपालन किया. सीएम ने दावा किया कि इसके बारे में चुनी हुई सरकार को अखबारों के माध्यम से पता चला.
नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) को एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा कि चुनी हुई सरकार को लोगों के लिए काम करने दें. उपराज्यपाल को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा, निर्वाचित सरकार सीधे लोगों के प्रति जवाबदेह है. कृपया चुनी हुई सरकार को लोगों के लिए काम करने दें. मुख्यमंत्री ने कहा, उपराज्यपाल सीधे व्यावहारिक रूप से हर विषय पर सीधे आदेश जारी कर रहे हैं चाहे वह आरक्षित हो या स्थानांतरित हो, भले ही उनके पास ऐसा करने की पावर हो या न हो. उपराज्यपाल सीधे मुख्य सचिव को निर्देश जारी करते हैं, जो बदले में चुनी हुई सरकार को दरकिनार और अनदेखा करके उन्हें पूरी तरह से लागू करवाते हैं. कोई पूछेगा कि अधिकारी उपराज्यपाल के अवैध आदेशों को क्यों लागू कर रहे हैं? क्योंकि उपराज्यपाल के पास नौकरशाही पर पूरा नियंत्रण है.
एलजी के पास दिल्ली सरकार के किसी भी कर्मचारी के खिलाफ स्थानांतरण, निलंबन या कोई अन्य कार्रवाई करने की शक्ति है. दुर्भाग्य से, दिल्ली की चुनी हुई सरकार के कर्मचारियों पर कोई नियंत्रण नहीं है. इसलिए, दिल्ली सरकार के अधिकारियों में उपराज्यपाल के आदेश को पूरी तरह से विचित्र होने पर भी उन्हें ना कहने का साहस नहीं है. Delhi Excise Scam: दिल्ली आबकारी घोटाला केस में ED की दूसरी चार्जशीट में भी मनीष सिसोदिया का नाम नहीं
एमसीडी के मनोनीत पार्षदों के बारे में बात करते हुए, जिस पर शुक्रवार को झड़पें हुईं, केजरीवाल ने कहा, आज तक पिछले कई दशकों से इन 10 सदस्यों को हमेशा दिल्ली की चुनी हुई सरकार के द्वारा मनोनीत किया जाता था.
इस प्रथा का पालन पिछले उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल ने भी किया था. हालांकि, वर्तमान उपराज्यपाल ने एक सुबह, 10 नाम तय किए और मुख्य सचिव को अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया. मुख्य सचिव ने अनुपालन किया. सीएम ने दावा किया कि इसके बारे में चुनी हुई सरकार को अखबारों के माध्यम से पता चला.
संविधान के अनुसार, चुनी हुई सरकार के पास इन सदस्यों को मनोनीत करने की पावर है. इस बार, एक सुबह उपराज्यपाल ने कुछ भाजपा पार्षदों का नाम तय किया और मुख्य सचिव को अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया.
दिलचस्प बात यह है कि नामित व्यक्ति सबसे वरिष्ठ सदस्य नहीं हैं. इसलिए पुरानी परंपरा को भी हवा में उड़ा दिया गया. हालांकि, संविधान निर्वाचित सरकार को पहले पीठासीन अधिकारी को नामित करने का अधिकार देता है क्योंकि यह एक स्थानांतरित विषय है. महामहिम, मेरे और आप जैसे लोग बहुत छोटे हैं. यह देश महत्वपूर्ण है. हमारा लोकतंत्र, जो हमें लंबे स्वतंत्रता संग्राम के बाद मिला है, महत्वपूर्ण है. आइए हम सब मिलकर देश के लिए काम करें और अपने लोकतंत्र को मजबूत करें. दिल्ली के 2 करोड़ लोगों ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए सरकार को चुना है.