दिल्ली में तैयारी पूरी! जानें कब होगी आर्टिफिशियल बारिश, प्रदूषण से जूझती राजधानी को मिलेगी कितनी राहत
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दीवाली के बाद दिल्ली की हवा जहरीली हो चुकी है. धुएं और स्मॉग से लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में अब राजधानी में पहली बार कृत्रिम बारिश (Artificial Rain) कराने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. गुरुवार को कानपुर से एक Cessna विमान ‘क्लाउड सीडिंग मिशन’ के लिए उड़ान भर चुका है. मौसम की स्थिति सही रही तो अगले तीन दिनों के अंदर दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है.

अधिकारियों के अनुसार, इस मिशन में Cessna विमान के दोनों पंखों के नीचे 8 से 10 पॉकेट्स लगाए गए हैं, जिनमें खास केमिकल रखे गए हैं. जब विमान बादलों के नीचे से गुजरेगा, तो पायलट कॉकपिट से इन केमिकल्स को रिलीज करेगा, जो बादलों के अंदर जाकर केमिकल रिएक्शन से बारिश को प्रेरित करेंगे.

इसे एक Pyrotechnic Process कहा जाता है. यानी बादलों में रासायनिक फ्लेयर्स दागे जाते हैं ताकि नमी बढ़े और बारिश की प्रक्रिया शुरू हो सके. इस ऑपरेशन का असर लगभग 100 किलोमीटर के क्षेत्र में रहने की उम्मीद है.

तैयारी पूरी, बस बादल चाहिए: सरकार

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने कहा है कि जैसे ही मौसम अनुकूल होता है, कृत्रिम बारिश का ट्रायल तुरंत शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा, “जिस दिन हमें उपयुक्त बादल मिलेंगे, उसी दिन ट्रायल कर दिया जाएगा. सारी तैयारियां अनुमति, विमान, पायलट और उपकरण पहले से तैयार हैं.”

पहले यह कहा गया था कि ट्रायल दीवाली के बाद कभी भी हो सकता है, लेकिन हवा की स्थिति खराब होने और पर्याप्त बादल न मिलने के कारण इसे कुछ समय के लिए टाल दिया गया था.

क्लाउड सीडिंग प्रोजेक्ट क्या है?

दिल्ली सरकार ने IIT कानपुर के साथ मिलकर यह प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसके तहत राजधानी के उत्तर-पश्चिमी इलाकों में पांच ट्रायल किए जाने की योजना है. इस प्रोजेक्ट को DGCA सहित 23 विभागों की मंजूरी मिल चुकी है. इसका उद्देश्य यह देखना है कि कृत्रिम बारिश से सर्दियों के प्रदूषण में कितनी कमी लाई जा सकती है.

IIT कानपुर की टीम ने Cessna 206-H विमान (VT-IIT) को इस प्रोजेक्ट के लिए तैयार किया है. इस मिशन में IMD (भारतीय मौसम विभाग) और IITM पुणे भी तकनीकी सहयोग दे रहे हैं.

बारिश से कितनी राहत मिल सकती है?

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कृत्रिम बारिश सफल रहती है, तो दिल्ली के एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में 50 से 80 अंक तक सुधार आ सकता है. इसका मतलब है कि अगर हवा “बहुत खराब” (Very Poor) श्रेणी में है, तो यह “खराब” (Poor) या “मध्यम” (Moderate) श्रेणी में आ सकती है.