'जहरीली' हवा के चलते दिल्ली की सड़कों पर पसरेगा सन्नाटा? सुप्रीम कोर्ट ने भी जताई चिंता
दिवाली के पांच दिन बीत जाने के बाद भी राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता की स्थिति बद-से-बदतर बनी हुई है. हालत इतने ख़राब है कि दिल्ली-एनसीआर में लोगों का दम फूल रहा है. दिल्ली में मंगलवार को भी धुंध की मोटी चादर छाई रही और वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है.
नई दिल्ली: दिवाली के पांच दिन बीत जाने के बाद भी राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता की स्थिति बद-से-बदतर बनी हुई है. हालत इतने ख़राब है कि दिल्ली-एनसीआर में लोगों का दम फूल रहा है. दिल्ली में मंगलवार को भी धुंध की मोटी चादर छाई रही और वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है. वहीं दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 403 दर्ज किया गया जो गंभीर श्रेणी में आता है. मंगलवार को दिल्ली के 17 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ और 14 इलाकों में ‘बहुत खराब’ दर्ज की गई.वहीं दिल्ली की हवा में अतिसूक्ष्म कणों - पीएम 2.5 का स्तर 238 और पीएम 10 का स्तर 399 दर्ज किया गया.
केंद्र संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) ने राजधानी में बादल छाए रहने और कुछ जगहों पर हल्की बारिश होने का अनुमान जताया है. अधिकारियों ने चिंता जताई कि शहर में हल्की सी बारिश भी प्रदूषण के स्तर को और बिगाड़ देगी.
बंद हो सकती है पेट्रोल-डीजल की गाड़िया-
प्रदूषण से निजात पाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. अगर हालात दो दिनों में नहीं सुधरे तो दिल्ली की सडक़ों पर सिर्फ सीएनजी वाहनों को चलाने का फैसला हो सकता है. सभी तरह के पेट्रोल-डीजल के वाहनों पर रोक लग सकती है, इसमें दो पहिया वाहन भी शामिल हैं.
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सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त ईपीसीए ने सोमवार को टास्क फोर्स को इस बारे में विचार करने को कहा है. ईपीसीए चेयरमैन भूरे लाल ने कहा कि हमारे पास कोई रास्ता नहीं बचा है, इसलिए इतने सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं.
प्रदूषित हवा के दुष्प्रभाव-
शून्य और 50 के बीच एक्यूआई (Air Index Level) को अच्छा माना जाता है, 51 और 100 के बीच इसे संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम माना जाता है, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच काफी खराब और 401 और 500 के बीच इसे अत्यंत गंभीर माना जाता है.
वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘अत्यंत गंभीर और आपातकालीन’ श्रेणी में होने का मतलब है कि ऐसी हवा में ज्यादा समय तक सांस लेने से स्वस्थ व्यक्ति भी श्वसन संबंधी बीमारियों का शिकार हो सकता है. यह हवा उनके शरीर के अंगों को गंभीर रूप से प्रभावित करती है.