13 दिसंबर संसद हमले की 18वीं बरसी: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, PM मोदी समेत कई दिग्गज नेताओं ने शहीदों की वीरता को सलाम किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2001 में संसद भवन पर हुए आतंकी हमले के दौरान अपनी जान न्यौछावर करने वालों को शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर लिखा, एक कृतज्ञ देश शहीदों की बहादुरी और उनके साहस को नमन करता है जिन्होंने 2001 में संसद भवन की आतंकवादियों से रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. हम आतंकवाद के हर रूप को खत्म करने और उसे हराने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं. इसके अलावा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद और बाकी पार्टियों के नेताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. आज के ही दिन आतंकवादियों ने संसद पर हमला किया था. वहीं जवाबी कर्रवाई में सुरक्षाबलों ने संसद में घुसे पांचो आतंकवादियों को मार गिराया था.
नई दिल्ली:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2001 में संसद भवन पर हुए आतंकी हमले के दौरान अपनी जान न्यौछावर करने वालों को शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर लिखा, एक कृतज्ञ देश शहीदों की बहादुरी और उनके साहस को नमन करता है जिन्होंने 2001 में संसद भवन की आतंकवादियों से रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. हम आतंकवाद के हर रूप को खत्म करने और उसे हराने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं. इसके अलावा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद और बाकी पार्टियों के नेताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. आज के ही दिन आतंकवादियों ने संसद पर हमला किया था. वहीं जवाबी कर्रवाई में सुरक्षाबलों ने संसद में घुसे पांचो आतंकवादियों को मार गिराया था.
इस आतंकी हमले में संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे. इस आतंकी हमले में दिल्ली पुलिस के पांच सुरक्षाकर्मी नानकचंद, रामपाल, ओमप्रकाश, बिजेंद्र सिंह और घनश्याम, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की कांस्टेबल कमलेश कुमारी और संसद सुरक्षा सेवा के दो सुरक्षा सहायक जगदीश प्रसाद यादव और मातबर सिंह नेगी शहीद हुए थे. 18 साल पहले 13 दिसंबर को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने संसद पर हमला करते हुए खुलेआम गोलीबारी की जिम्मेदारी ली थी.
उस दिन संसद में हुआ जमकर हंगामा
हमले के दिन संसद में ताबूत घोटाले को लेकर हंगामा मचा हुआ था. इस मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में शोर-शराबा हुआ और दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. इसके बाद कुछ सांसद बाहर आकर बातचीत में बिजी हो गए तो कुछ हॉल में रहकर ही चर्चा करने लगे. जिस वक्त पार्लियामेंट के अंदर का माहौल गरम था, उसी वक्त संसद मार्ग पर अलग हलचल हो रही थी. पार्लियामेंट में तैनात सिक्युरिटी ऑफिसर्स के वायरलेस पर मेसेज आया कि वाइस-प्रेजिडेंट कृष्णकांत घर जाने के लिए निकलने वाले हैं. ऐसे में उनके काफिले की गाड़ियां गेट नंबर 11 के सामने लाइन में खड़ी कर दी गईं.
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इसी बीच सिक्युरिटी ऑफिसर्स ने देखा कि एक सफेद रंग की ऐंबैसडर कार संसद मार्ग पर बढ़ते हुए पार्लियामेंट के गेट नंबर 11 की तरफ आ रही थी. यह कार गेट नंबर 11 को पार करती हुई गेट नंबर 12 के पास पहुंच चुकी थी. हड़बड़ी में ऐंबैसडर कार पत्थरों से टकराकर रुक गई. कार से पांच लोग उतरे और तुरंत वायर्स बिछाना शुरू कर दिया. अब तक सबको समझ में आचुका था कि ये लोग आतंकी थे और विस्फोटक बिछा रहे थे. आतंकी कार को ब्लास्ट करके उड़ाना चाहते थे, लेकिन उनकी यह कोशिश नाकामयाब हो गई. जब ऐसा नहीं हुआ तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी. 40 मिनट चले इस इस आतंकी हमले में सभी आतंकी मारे गए.