एयरकंडीशन्‍ड जगहों पर कोरोना वायरस का संक्रमण फैलता है या नहीं? कमरे में आ रही है फ्रेश एयर, तो कर सकते हैं एसी का प्रयोग: स्वास्थ्य विशेषज्ञ

एयरकंडीशन्‍ड जगहों पर कोरोना वायरस का संक्रमण फैलता है या नहीं. अगर फैलता है, तो कितनी तेज़ी से फैलता है, ऐसे तमाम सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं. अगर स्वास्थ्‍य विशेषज्ञ की मानें तो जब तक फ्रेश एयर यानी ताज़ी हवा का प्रवेश किसी स्थान पर हो रहा है,

कोरोनावायरस (Photo Credits: IANS)

एयरकंडीशन्‍ड जगहों पर कोरोना वायरस का संक्रमण फैलता है या नहीं.  अगर फैलता है, तो कितनी तेज़ी से फैलता है, ऐसे तमाम सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं. अगर स्वास्थ्‍य विशेषज्ञ की मानें तो जब तक फ्रेश एयर यानी ताज़ी हवा का प्रवेश किसी स्थान पर हो रहा है, तब तक एसी चलाने के बाद भी वायरस का संक्रमण नहीं फैलता हे. एक शोध में सेंट्रलाइज्ड एसी से वायरस फैलने का खतरा बताया गया है. लेकिन कई ऑफिस, दुकानें खुल रहीं और गर्मी भी बढ़ रही है.  साथ ही लोग अपने घरों में एसी का प्रयोग कर रहे हैं.  यह सब कितना सुरक्षित है, इस पर लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली के चिकित्सक डॉ. मधुर यादव का कहना है कि दरअसल सेंट्रल एसी एक ही हवा को बार-बार कमरे के अंदर फेंकता रहता है.

इसलिए अस्पतालों में एसी बंद कर दिए गए हैं.लेकिन अगर घर में एसी चला रहे हैं तो घर एक दम पैक न हो, कहीं न कहीं से फ्रेश एयर अंदर आये और एसी की हवा बाहर जा सके. लेकिन ध्यान रखें कि घर में कोई वायरस से संक्रमित न हो. इसके अलावा अगर आप कार से कहीं जा रहे हैं, तो खिड़की का शीशा एक चौथाई तक खोल कर एसी चला सकते हैं. इससे फ्रेश हवा अंदर आती रहेगी. यह भी पढ़े: पुरुषों को कोरोना वायरस के कारण अस्पताल में भर्ती कराने और मौत का ज्यादा खतराः अध्ययन

डा. यादव ने कहा कि कोरोना वायरस अब इतनी जल्दी नहीं जाएगा. ये वायरस अब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है. इसलिए जरूरी है कि लोग जो भी करें कुछ सावधानी के साथ करें और नियमों का पालन कर वायरस के संक्रमण से बच सकते हैं. अगर सावधानी नहीं बरतेंगे तो इसका संक्रमण बार-बार हो सकता है. इससे ज्यादा अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वैक्‍सीन पर अब भी शोध चल रहे हैं। हांलाकि उन्होंने कहा कि इसमें मृत्यु की संभावना कम है और अगर कोई संक्रमित है तो तब उनकी मृत्यु होती है जब कोई बुजुर्ग इसकी चपेट में आता है, या ऐसा व्‍यक्ति जो किसी पुरानी बीमारी से ग्रसित है। इसलिए सबको हमेशा सावधानी रखनी है.

उन्होंने कहा कि अब कभी भी बाहर जाएं तो मास्क जरूर पहनें, सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी सतह या बाहरी चीज को कम से कम छूएं.सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और अगर लगता है कि किसी को खांसी या छींक आ रही है तो वहां से दूर हो जाएं। सभी को इस बात का ध्यान रखना होगा कि सार्वजनिक जगहों पर खांसते और छींकते वक्त मुंह को अच्छी तरह ढक लें। अगर लगता है कि आप किसी ऐसे व्यक्ति से संपर्क में आए हैं, जो बीमार है या भीड़ में गए हैं, तो घर आकर तुरंत कपड़े बदलें और स्नान कर लें. अपनी चप्पल बाहर निकालें.मास्क भी निकालने से पहले हाथ को अच्छी तरह से धो लें.

फेश शील्ड और हेड गियर डॉक्टरों के लिए जरूरी

देश में वायरस को लेकर अब लोगों में जागरूकता भी दिखाई पड़ रही है. तमाम दिशा-निर्देशों के साथ ढील में लोग काम करे रहे हैं. इस बीच कुछ लोग फेश शल्ड और हेड गियर खरीदने के लिए भी परेशान हैं. इस पर डॉ. मधुर ने कहा कि इसे लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह केवल स्वास्थ्य कर्मियों के लिए है, जो संक्रमित लोगों के बीच रहते हैं। आईसीयू में काम करते हैं.ऐसी जगह जहां कोई बहुत ज्यादा खांसता है, छींकता है, उस जगह पर पहन सकते हैं। हांलाकि अगर कोई एहतियात के तौर पर पहनना चाहता है तो पहन सकता है। लेकिन ट्रिपल लेयर मास्क सबके लिए जरूरी है.

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