कोलकाता, 17 मई: पश्चिम बंगाल के एक मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के एक राज्यसभा सांसद बुधवार को मिदनापुर जिले के एगरा में पहुंचे. यहां पर मंत्री और सांसद को स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को एगरा में स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ था, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी. इस धमाके से लोगों में रोष है. यह भी पढ़ें: Mumbai: बांद्रा इलाके में झुग्गी बस्ती में तड़के 4.40 बजे लगी आग, कोई हताहत नहीं
पश्चिम बंगाल के पर्यावरण विभाग के प्रभारी मंत्री डॉ मानस भुनिया और तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डोला सेन जैसे ही घटनास्थल पर पहुंचे, लोगों के एक समूह ने उन्हें घेर लिया. स्थानीय लोगों ने इस त्रासदी के लिए राज्य की सत्ताधारी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया और नारेबाजी की.
कुछ प्रदर्शनकारियों ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को चोर बताते हुए नारे भी लगाए। हालांकि, सेन और भुनिया दोनों विवाद में पड़ने के बजाय शांत रहे. उन्होंने यह कहकर स्थानीय लोगों को शांत करने की कोशिश की कि राज्य प्रशासन मृतकों के परिवारों के साथ-साथ घायलों के लिए मुआवजे की पूरी जिम्मेदारी लेगा.
हालांकि, उनकी समझाने की कोशिश ज्यादा काम नहीं आई और नारों का सिलसिला तेज हो गया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने मंत्री और सांसद से सवाल भी किया कि अवैध पटाखा फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस प्रशासन आनाकानी क्यों कर रहा है. एक प्रदर्शनकारी ने मंत्री से पूछा कि अब तुम यहां क्यों आए हो? अब यहां आने का क्या मतलब है? अंत में बड़े पैमाने पर विरोध के सामने, भुनिया और सेन मौके से चले गए। हालांकि गांव से निकलने से पहले वे एक पीड़ितों के परिजनों से मिले.
भुनिया ने कहा कि हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक निर्देश के बाद मौके पहुंचे थे. लेकिन कुछ उपद्रवी तत्वों ने हमारे दौरे पर अराजकता पैदा करने की कोशिश की और हमें उकसाने की कोशिश की. हालांकि, हम उसमें नहीं फंसे. इसलिए हम वापस जा रहे हैं. एक पीड़ित के परिवार के सदस्यों से मिले. इस बीच, कारखाने के मालिक कृष्णपद बाग उर्फ भानू, तृणमूल कांग्रेस के पूर्व पंचायत सदस्य, अभी भी फरार हैं. पुलिस उनके मोबाइल को ट्रैस करके उनकी लोकेशन का पता लगाने का प्रयास कर रही है.