लंदन: फाइजर (Pfizer) और एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) के कोविड -19 टीकों (Covid-19 Vaccine) की दो खुराक डेल्टा (बी16172) वैरिएंट (Delta (B16172) Variant) के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी हैं. ये जानकारी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) के नए विश्लेषण में निकलकर सामने आई है. विश्लेषण से पता चलता है कि फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन (Pfizer-BioNtech Vaccine) दो खुराक के बाद 96 प्रतिशत प्रभावी है, जबकि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (Oxford-AstraZeneca Vaccine) दो खुराक के बाद 92 प्रतिशत प्रभावी है. Corona Pandemic: कोरोना की वजह से ज्यादातर लोगों को अगले छह महीने में अपनी इनकम घटने की आशंका- सर्वे
नए विश्लेषण में डेल्टा वैरिएंट के 14,019 मामले शामिल थे, जिनमें से 166 को 12 अप्रैल और 4 जून के बीच इंग्लैंड में आपातकालीन अस्पताल में भर्ती होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. परिणाम प्रीप्रिंट के रूप में पोस्ट किए गए हैं. प्रीप्रिंट्स की समीक्षा की जानी बाकी है.
स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल सचिव मैट हैनकॉक ने एक बयान में कहा, "वेरिएंट के खिलाफ दो खुराक की प्रभावशीलता का यह सबूत दिखाता है कि आपका दूसरा जैब प्राप्त करना कितना महत्वपूर्ण है. अगर आपने अपनी पहली खुराक ली है लेकिन अभी तक अपनी दूसरी बुक नहीं की है तो कृपया ऐसा करें. यह जीवन बचाने में मदद करेगा और हमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को ठीक करने में बढ़ावा देगा."
पीएचई में टीकाकरण के प्रमुख डॉ मैरी रामसे ने कहा "ये बेहद महत्वपूर्ण निष्कर्ष इस बात की पुष्टि करते हैं कि टीके डेल्टा संस्करण से महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान करते हैं. टीके हमारे पास कोविड -19 के खिलाफ सबसे महत्वपूर्ण उपकरण हैं. उनकी वजह से पहले ही हजारों लोगों की जान बचाई जा चुकी है। इसे प्राप्त करना नितांत महत्वपूर्ण है. सभी मौजूदा और उभरते वेरिएंट के खिलाफ अधिकतम सुरक्षा हासिल करने के लिए दोनों खुराक आपके लिए जरूरी हैं."
मई में पीएचई द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि फाइजर और एस्ट्राजेनेका के कोरोनावायरस वैक्सीन दोनों की पहली खुराक के तीन सप्ताह बाद डेल्टा संस्करण के खिलाफ केवल 33 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान की गई, जबकि इसने अल्फा संस्करण के खिलाफ 50 प्रतिशत प्रभावशीलता की पेशकश की है.
बी16172 वैरिएंट पहली बार भारत में खोजा गया था और यह तीन संबंधित उपभेदों में से एक है. इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा पिछले महीने वैश्विक कंसर्न का एक रूप घोषित किया गया था. यह यूके में पहचाने गए अल्फा स्ट्रेन की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक संक्रमणीय है.