COVID XE Variant: भारत में ओमिक्रॉन का ‘एक्सई’ वैरिएंट मिलने के बाद केंद्र की चिंता बढ़ी, कड़ी निगरानी का दिया निर्देश

देश में पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना मामलों में तेज गिरावट आई है, मंगलवार को कोरोना के 796 मामले ही सामने आए. हालांकि देश में कोविड-19 (COVID-19) के 'एक्सई' वैरिएंट (Omicron XE Variant) का मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार सतर्क हो गई है.

कोरोना वायरस (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: देश में पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना मामलों में तेज गिरावट आई है, मंगलवार को कोरोना के 796 मामले ही सामने आए. हालांकि देश में कोविड-19 (COVID-19) के 'एक्सई' वैरिएंट (Omicron XE Variant) का मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार सतर्क हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने अधिकारियों को कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘एक्सई’ को लेकर निगरानी तथा सतर्कता और बढ़ाने का निर्देश दिया है. एक्सई स्वरूप ज्यादा घातक नहीं, संक्रमित व्यक्ति में लक्षण नहीं: महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री

कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘एक्सई’ के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने देश के प्रमुख विशेषज्ञों की बैठक की अध्यक्षता की. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को कोविड के नए वैरियंट पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए आवश्यक दवाओं और औषधियों की उपलब्धता की लगातार समीक्षा करें. केंद्रीय मंत्री ने वैक्सीनेशन अभियान को पूरी गति से चलाने और सभी पात्र लोगों का वैक्सीनेशन करने पर जोर दिया.

इस बैठक में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव, भारत में टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के प्रमुख डॉ. एन के. अरोड़ा और स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

गौरतलब हो कि बीते हफ्ते मायानगरी मुंबई (Mumbai) में नए वैरिएंट का पहला मामला सामने आया था. जबकि गुजरात में भी 'एक्सई' वैरिएंट से संक्रमित मरीज मिले है. हालांकि दुनियाभर में एक्सई के फिलहाल बहुत अधिक मामले देखने को नहीं मिल रहे है. लेकिन इसकी अत्यधिक उच्च संचरण क्षमता निकट भविष्य में सबसे प्रभावशाली स्ट्रेन बनते का संकेत दे रही है.

यूके की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, एक्सई में नाक बहने, छींकने और गले में खराश जैसे लक्षण होते हैं, जो वायरस के मूल स्ट्रेन के विपरीत होते हैं, क्योंकि मूल स्ट्रेन में आमतौर पर रोगी को बुखार और खांसी की शिकायत रहती है और साथ ही उसे किसी चीज का स्वाद नहीं आता और कोई गंध भी नहीं आती है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड म्युटेंट स्ट्रेन एक्सई (XE) को लेकर कुछ दिन पहले चेतावनी जारी की थी. डब्ल्यूएचओ (World Health Organisation) ने बताया कि यह दो ओमिक्रॉन सब-वेरियंट यानी उपप्रकारों का एक हाइब्रिड स्ट्रेन है. जिसकी फैलने की क्षमता ओमिक्रॉन से कहीं ज्यादा है. प्रारंभिक अध्ययनों में दावा किया गया है कि यह अन्य ओमिक्रॉन म्यूटेशन की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक तेजी से फैल सकता है.

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