COVID-19 Vaccine Update: सीरम इंस्टिट्यूट के CEO अदार पूनावाला ने पूछा- क्या सरकार के पास अगले एक साल में कोरोना वैक्सीन पर खर्च करने के लिए 80 हजार करोड़ रुपये हैं?
अदार पूनावाला ने पूछा कि क्या केंद्र सरकार के पास कोविड-19 वैक्सीन की खरीद और वितरण के लिए अगले एक साल में खर्च करने के लिए 80,000 करोड़ रु हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा, "यह अगली चुनौती है, जिससे हमें निपटना होगा."
नई दिल्ली: COVID-19 वैक्सीन वितरण रणनीति पर शनिवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India- SII) के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने एक सवाल उठाया. अदार पूनावाला ने पूछा कि क्या केंद्र सरकार के पास कोविड-19 वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) की खरीद और वितरण के लिए अगले एक साल में खर्च करने के लिए 80,000 करोड़ रु हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा, "यह अगली चुनौती है, जिससे हमें निपटना होगा."
अपने इस पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और स्वास्थ्य मंत्रालय को टैग किया, पूनावाला ने अपने सवाल के जरिए यह जानने की कोशिश की कि क्या केंद्र के पास सामूहिक टीकाकरण योजना के हिस्से के रूप में खुराक खरीदने और वितरित करने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन होंगे या नहीं. यह भी पढ़ें | विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी चेतावनी, कहा- कोरोना वैक्सीन आने से पहले दुनियाभर में 20 लाख तक पहुंच सकता है संक्रमितों की मौतों का आकड़ा.
अदार पूनावाला का ट्वीट:
अदार पूनावाला ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "मैं यह सवाल इसलिए पूछ रहा हूं क्योंकि भारत और विदेश के वैक्सीन विनिर्माता खरीद और वितरण के मामले में हमारे देश की जरूरत को पूरा कर पाएं, इसके लिए योजना और दिशा की जरूरत है."
अदार पूनावाला ने दावा किया कि भारत में सभी व्यक्तियों को टीकाकरण करने के लिए 80,000 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि की आवश्यकता होगी. पूनावाला का सवाल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने संसद को बताया था कि 2021 तक भारत में COVID-19 के खिलाफ टीका उपलब्ध होने की उम्मीद है.
इससे पहले फाइनेंशियल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के CEO आदर पूनावाला ने कहा कि दुनिया में सबको यह वैक्सीन मिलने से कम से कम 4 साल का वक्त लगेगा. पूनावाला ने यह भी भविष्यवाणी की थी कि मीजल्स या रोटा वायरस की तरह कोरोना वायरस में भी दो डोज की जरूरत होगी तो पूरी दुनिया के लिए 15 अरब डोज का इंतजाम करना होगा.