मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के छह जिलों से एकत्र किए गए नमूनों में सार्स-सीओवी-2 डेल्टा-प्लस वेरियंट (Delta Plus Variant) के कम से कम 21 मामले पाए गए हैं. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Rajesh Tope) ने सोमवार को कहा कि सबसे ज्यादा डेल्टा-प्लस वेरियंट से रत्नागिरी में 9, उसके बाद जलगांव में 7, मुंबई में 2 और पालघर, सिंधुदुर्ग और ठाणे जिलों में एक-एक संक्रमित का पता चला है. महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 6,270 नए केस, 94 की मौत
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से 7,500 नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं. ये नमूने 15 मई तक एकत्रित किए गए थे और इनका जीनोम अनुक्रमण किया जा चुका है. जीनोम अनुक्रमण से सार्स-सीओवी2 में छोटे से छोटे उत्परिवर्तन (वायरस के स्वरूप बदलने का) का भी पता चल जाता है. टोपे ने बताया कि जो लोग ‘डेल्टा प्लस’ से संक्रमित पाए गए हैं, उन्होंने हाल ही में यात्रा की थी या नहीं, कोविड-19 रोधी टीका लगवाया था या नहीं और क्या वे दोबारा संक्रमित हुए, उनसे जुड़ी अन्य जानकारी एकत्रित की जा रही है. उनके सम्पर्क में आए लोगों की भी पहचान की जा रही है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डेल्टा वेरियंट (बी.1.617.2) अत्यधिक संक्रामक है और देश में कोविड-19 की दूसरी लहर का मुख्य वजह है. हालांकि अब यह म्युटेट होकर डेल्टा प्लस या 'एवाई.1' वेरियंट में तब्दील हो गया है. भारत में पहली बार मिले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरियंट अब 80 देशों में पाए जाते हैं. विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि चूंकि डेल्टा प्लस भी डेल्टा वेरियंट से उभरा है, इसलिए अतिरिक्त सतर्क रहने की जरुरत है.
हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोविड-19 का डेल्टा वेरियंट विश्व में इस वायरस के अन्य वेरियंट की तुलना में प्रबल होता जा रहा है क्योंकि यह कहीं अधिक तेजी से संचारित होता है. डब्ल्यूएचओ द्वारा 15 जून को जारी कोविड-19 साप्ताहिक महामारी विज्ञान अपडेट के मुताबिक डेल्टा वेरियंट अब करीब 80 देशों में पाया जा रहा है. बी.1.617.2 डेल्टा वेरियंट का सबसे पहले भारत में अक्टूबर 2020 में पता चला था.
गौरतलब है कि पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने बताया है कि डेल्टा वेरियंट से संक्रमण में ब्रिटेन में एक सप्ताह में 33,630 की वृद्धि हुई और अभी तक 75,953 लोग इससे संक्रमित हुए हैं. देश में कोविड-19 संक्रमण के 99 प्रतिशत मामले इसी स्वरूप से हैं. जबकि वाशिंगटन में रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने आशंका जताई है कि डेल्टा स्वरूप अमेरिका में सर्वाधिक लोगों को संक्रमित करने वाले कोरोना वायरस स्वरूप के रूप में उभर सकता है.
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथ ने कहा की कोविड-19 के अलग-अलग वेरियंट के खिलाफ विभिन्न टीकों की प्रभाव क्षमता पर कहीं अधिक आंकड़े जुटाने की जरूरत है. फ़िलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि डेल्टा वेरियंट पर कोरोना वैक्सीन कितनी प्रभावी है.