कोर्ट ने टीवी एंकर नविका कुमार के खिलाफ रिपब्लिक टीवी की शिकायत पर संज्ञान लिया

दिल्ली की एक अदालत ने रिपब्लिक टीवी की मूल कंपनी की ओर से टाइम्स नाउ की एंकर नविका कुमार के खिलाफ कथित व्हाट्सएप चैट के संबंध में रिपब्लिक टीवी और उसके संस्थापक के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए दायर मानहानि शिकायत पर संज्ञान लिया है.

सुप्रीम कोर्ट और अर्नब गोस्वामी (Photo Credits-PTI and Facebook)

नई दिल्ली, 11 फरवरी : दिल्ली (Delhi) की एक अदालत ने रिपब्लिक टीवी (Republic tv) की मूल कंपनी की ओर से टाइम्स नाउ (Times now) की एंकर नविका कुमार के खिलाफ कथित व्हाट्सएप चैट के संबंध में रिपब्लिक टीवी और उसके संस्थापक के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए दायर मानहानि शिकायत पर संज्ञान लिया है. इस कथित व्हाट्सअप चैट (Whatsapp chat) का टीआरपी घोटाला मामले में मुंबई पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में उल्लेख किया गया है. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट चंदरजीत सिंह ने मामले में संज्ञान लिया और मामले को पूर्व समन साक्ष्य के लिए 8 जून के लिए निर्धारित कर दिया. रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ और संस्थापक अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) के चैट से संबंधित 18 जनवरी को नविका कुमार द्वारा दिए गए बयानों के बारे में एआरजी आउटलियर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने शिकायत दर्ज कराई.

49 पृष्ठ की शिकायत में कहा गया है, "नविका कुमार ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के संस्थापक पर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने और राज्य के सरकारी सिक्रेट को लीक करने का आरोप लगाते हुए बेबुनियाद और निराधार दावे किए, जिससे पूरे संगठन पर खतरा पैदा हो गया." कंपनी ने बताया कि आपत्तिजनक शो को 85,000 से अधिक व्यू मिले, इसलिए शिकायतकर्ता कंपनी की मानहानि का दायरा काफी बड़ा है. यह भी पढ़ें : MP में राजनाथ सिंह ने 2 हजार करोड़ के जल संरचनाओं के प्रोजेक्ट का किया उद्घाटन, शिवराज बोले-जल जीवन मिशन में तेजी से काम करके बनेंगे नंबर-1

शिकायतकर्ता ने आगे कहा, "टीआरपी घोटाला मामले में मुख्य रूप से व्हाट्सएप चैट के संबंध में मुंबई पुलिस की चार्जशीट के दस्तावेजों का दुरुपयोग किया गया." एआरजी आउटलियर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने यह भी कहा कि अभियुक्त ईष्र्यालु है और शिकायतकर्ता की कंपनी की सफलता की बराबरी करने के लिए इस आपत्तिजनक शो को प्रसारित किया गया. कंपनी ने अदालत से शिकायत का संज्ञान लेने और भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत आरोपी को सजा देने का अनुरोध किया था.

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