
केंद्र सरकार ने ओला और उबर को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों दोनों कंपनियां iPhone और Android यूजर्स के लिए एक ही यात्रा का किराया अलग-अलग दिखा रही हैं. यह नोटिस उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी की ओर से जारी किया गया है, जिन्होंने सोशल मीडिया पर इस मामले की जानकारी दी.
क्या है पूरा मामला?
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने ओला और उबर को एक ही स्थान के लिए अलग-अलग मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम (iOS और Android) पर विभिन्न किराए दिखाने के कारण नोटिस भेजा है. केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने एक्स (Twitter) पर पोस्ट करते हुए कहा, "ओला और उबर से जवाब मांगा गया है कि एक ही जगह के लिए किराया अलग क्यों लिया जा रहा है, जबकि मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में अंतर है."
यह मामला तब चर्चा में आया जब दिसंबर 2024 में एक एक्स (Twitter) यूजर ने iPhone और Android पर उबर ऐप के जरिए एक ही स्थान के लिए अलग-अलग किराए दिखाए जाने की तस्वीरें शेयर कीं. इसके बाद सोशल मीडिया पर यह पोस्ट वायरल हो गया, और उबर ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम की वजह से किराए में कोई अंतर नहीं आता है.
As a follow-up to the earlier observation of apparent #DifferentialPricing based on the different models of mobiles (#iPhones/ #Android) being used, Department of Consumer Affairs through the CCPA, has issued notices to major cab aggregators #Ola and #Uber, seeking their…
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) January 23, 2025
क्या है केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया?
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पिछले महीने ही उपभोक्ता शोषण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही थी. उन्होंने उपभोक्ता के अधिकारों का उल्लंघन करने वाली ऐसी गतिविधियों पर नकेल कसने की आवश्यकता जताई थी. सीसीपीए को इस मामले की गहन जांच करने का आदेश दिया गया है, और सरकार का कहना है कि किसी भी स्थिति में उपभोक्ताओं के पारदर्शिता के अधिकार से समझौता नहीं किया जाएगा.
The Ministry of Consumer Affairs on Thursday issued notices to cab aggregators Ola and Uber, seeking clarification on reports of alleged differential pricing based on the type of mobile device used to book rides.
Read more: https://t.co/yEIZlTF8ZW | @Journo_Ashutosh #Ola #Uber… pic.twitter.com/IzGW9NucaT
— IndiaToday (@IndiaToday) January 23, 2025
इस मामले के बाद से ओला और उबर के लिए यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या उनकी मूल्य निर्धारण नीति उपभोक्ताओं के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष है या नहीं. सरकार के नोटिस से यह भी स्पष्ट हो गया है कि उपभोक्ताओं के हितों को प्राथमिकता दी जाएगी और यदि आरोप सही पाए गए, तो सख्त कदम उठाए जाएंगे.