कोरोना संकट के बीच थोक महंगाई दर में आई नरमी, मार्च में घटकर 1 प्रतिशत हुई

कोरोना का कहर भारत में जारी है. कोविड-19 से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा लगातार हो रहा है. कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन को बढाकर पीएम नरेंद्र मोदी ने 3 मई तक कर दिया है. इसी बीच थोक महंगाई दर में नरमी आई है. बताना चाहते है कि मुद्रास्फीति फरवरी के 2.26 प्रतिशत के मुकाबले मार्च में गिरकर एक प्रतिशत पर पहुंच गई है. इस दौरान देश में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी से कमी आई.

WPI inflation rate. (Photo Credit: File)

नई दिल्ली. कोरोना (Coronavirus Pandemic) का कहर भारत में जारी है. कोविड-19 से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा लगातार हो रहा है. कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन (Lockdown) को बढाकर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 3 मई तक कर दिया है. इसी बीच थोक महंगाई दर (Wholesale Price Inflation) में नरमी आई है. बताना चाहते है कि मुद्रास्फीति फरवरी के 2.26 प्रतिशत के मुकाबले मार्च में गिरकर एक प्रतिशत पर पहुंच गई है. इस दौरान देश में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी से कमी आई.

बता दें कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार खाद्य मुद्रास्फीति मार्च महीने में गिरकर 4.91 फीसदी रह गई, जबकि इससे पहले फरवरी महीने में यह 7.79 प्रतिशत थी. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते 25 मार्च से शुरू हुए देश में लॉकडाउन का असर इन आंकड़ों पर पड़ा है. यह भी पढ़े-कोरोना संकट: प्रियंका गांधी का केंद्र सरकार पर बड़ा हमला, कहा-गरीबों और मजदूरों को ध्यान में रखकर क्यों नहीं लिया गया फैसला, पीएम से की मदद की अपील

ANI का ट्वीट-

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष मार्च महीने में खुदरा महंगाई दर खिसकर 5.91 फीसदी पहुंच गई है. दरअसल खाने-पीने की वस्तुएं सस्ती होने के चलते इसके दाम घट गए हैं। लेकिन पिछले साल की तुलना में अगर इसी महीने की बात करें तो यह अधिक है. वर्ष 2019 में इस महीने मंहगाई दर 2.86 प्रतिशत थी.

ज्ञात हो कि कोरोना के चलते सब्जियों की महंगाई में भी कमी देखने को मिली है. फरवरी महीने में सब्जियों की मंहगाई दर 29.97 प्रतिशत थी जो मार्च में घटकर 11.90 पर आ गई है. वहीं फ्यूल और पावर बास्केट की ग्रोथ भी मार्च महीने में नकारात्मक रहते हुए सिर्फ 1.76 फीसदी रही है.साथ ही मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की ग्रोथ महज 0.34 फीसदी दर्ज की गई है.

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