क्या कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोग, दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं? क्या सेनिटाइजर से कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है? जाने इन सवालों के जवाब
कोरोना वायरस के लक्षणों और उससे बचाव के बारे में जितनी भी जानकारी हो, उतनी कम है. क्योंकि हर रोज नई चीज उभर कर आ रही है. ऐसे में लोगों के मन वायरस से जुड़े कई सवाल उठते हैं. फिर चाहे वो वैक्सीन से जुड़ा सलवा हो, या सोशल डिस्टेंसिंग से या फिर दवाओं से.
कोरोना वायरस के लक्षणों और उससे बचाव के बारे में जितनी भी जानकारी हो, उतनी कम है. क्योंकि हर रोज नई चीज उभर कर आ रही है. ऐसे में लोगों के मन वायरस से जुड़े कई सवाल उठते हैं. फिर चाहे वो वैक्सीन से जुड़ा सलवा हो, या सोशल डिस्टेंसिंग से या फिर दवाओं से. ऐसे ही कुछ जरूरी और महत्वपूर्ण सवालों के जवाब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने आकाशवाणी से बातचीत में दिये. आइये एक नज़र डालते हैं कुछ सवालों और उनके जवाबों पर-
क्या कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोग, दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं?
ऐसा बिल्कुल नहीं है, जो भी कोरोना से संक्रमित हैं या जो ठीक हो चुके हैं, उन्हें सपोर्ट करने की जरूरत है. यह ऐसा रोग नहीं है कि किसी की कॉलोनी में रहता है, तो वहां रहने वाले सभी लोगों को संक्रमण हो जाएगा. इस समय सभी को मानसिक सहयोग की जरूरत है. जो लोग ठीक हो गए हैं उनके अंदर एंटीबॉडी बन जाती हैं और उसके एंटीबॉडी का प्रयोग करके दूसरों को ठीक कर रहे हैं. ऐसे लोगों से ठीक होने के बाद कोई खतरा नहीं है. लेकिन सभी को आगे भी सावधानी रखनी है.
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हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन को लेकर गृह मंत्रालय के नए दिशा-निर्देश क्या हैं?
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा कई साल से देश में प्रयोग की जा रही है. ये एक सुरक्षित दवा है, लेकिन जो पहले से किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, उन्हें खुद से इसका सेवन नुकसान कर सकती है. जहां तक दवाई के प्रयोग की बात है तो देखा गया कि इस दवाई के प्रयोग से वायरस के गुणात्मक बढ़ने की क्षमता कम हो रही है. इसलिए ऐसा कहा गया कि अगर डॉक्टर या संक्रमित के परिवार को, जो संक्रमित के संपर्क में रहते हैं, उन्हें पहले ही दें तो संक्रमण नहीं होगा या अगर होगा भी तो बहुत कम स्तर पर होगा. इसलिए इस बार इसका दायरा बढ़ा दिया गया है. इसके तहत आवश्यक सेवा में लगे हुए कोरोना वॉरियर्स, संक्रमितों का सर्वे करने वाली टीम के सदस्य, उन्हें ये दवा दी जा सकती है. लेकिन जरूरी है कि बिना डॉक्टर की सलाह के यह दवा मत लें.
CSIR में फेवीपिरावर का ट्रायल हो रहा था, क्या परिणाम आए?
फेवीपिरावर एक एंटी वायरल ड्रग है जिसका काफी प्रयोग जापान में किया गया और यह स्वाइन फ्लू में भी असरदार रही. इसके बाद चीन से भी यह बात सामने आयी कि कोरोना वायरस के संक्रमितों पर यह असरदार है. इसीलिए कुछ ट्रायल चल रहे हैं कि यह संक्रमितों को दें तो लोग ठीक हो सकते हैं या नहीं. इसी तरह कई और दवाइयां हैं. इसी तरह अमेरिका की रेमडेसिवर दवा को लेकर कई बातें जर्नल में प्रकाशित हुई हैं कि इस दवा से लोगों को काफी मदद मिल रही है और लोग कम हॉस्पिटलाइज हो रहे हैं.
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क्या सेनिटाइजर से कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है?
नहीं, अगर 70 प्रतिशत एल्कोहल युक्त सेनिटाइजर प्रयोग करते हैं तो इससे कोई नुकसान नहीं है. ना ही अभी तक ऐसी कोई बात सामने आई है. यह हाथ से थोड़ी देर में उड़ जाता है. फिर भी हमेशा कहा जाता है कि जहां तक संभव है खाना-खाने से पहले या जहां पानी की उपलब्ध है साबुन पानी से हाथ साफ करें.
क्या सेनिटाइजर से हाथ साफ करने के बाद खाना खा सकते है?
सेनिटाइजर एक केमिकल है, इससे वायरस मर जाता है. लेकिन जहां भी पानी की सुविधा हो वहां साबुन पानी से हाथ 20 सेकेंड तक धोएं. लेकिन अगर सेनिटाइजर हाथ पर लगा रहे हैं, तो थोड़ी देर मलने पर वह उड़ जाता है इसलिए नुकसान की कोई बात नहीं है.
होम क्वारनटाइन में क्या सावधानी रखनी है और यह आइसोलेशन से कैसे अलग है?
क्वारनटाइन उन लोगों को करते हैं जो कोविड-19 से संक्रमित के संपर्क में आए हैं और उन्हें संक्रमण होने का अंदेशा रहता है लेकिन हुआ नहीं है. आइसोलेशन में उनको रखा जाता है जो संक्रमित हो चुके हैं. इनको पहले अस्पताल में रखते थे, अब जिन मरीजों को कम लक्षण होते हैं उन्हें होम आइसोलेशन किया जाता है. होम क्वारनटाइन 14 दिन के लिए होता है. इसमें व्यक्ति को घर में अलग कमरे में रहना चाहिए, बाथरूम अलग प्रयोग करें, अगर अलग नहीं है तो बाथरूम का इस्तेमाल करने से पहले सेनिटाइज करें. बर्तन भी अलग धुलें, बुजुर्ग और बच्चों को दूर रखें.
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विमान और रेल, बस शुरू हो रही हैं क्या सावधानी रखें?
यात्रा में सोशल डिस्टेंसिंग ज्यादा नहीं हो पाती. इसलिए सभी को मास्क लगाना जरूरी है. अगर कोई संक्रमित है और अचानक खांसता या छींकता है, तो उसके वायरस बाहर नहीं जा पाएंगे और जो अन्य लोग हैं वो भी मास्क लगाएंगे तो वायरस जाने की संभावना नहीं होगी. इसके अलावा यात्रा के दौरान भी सेनिटाइजर ले कर चलें. कहीं भी हाथ लगता है तो तुंरत सेनिटाइजर का प्रयोग करें. यात्रा में इन छोटी-छोटी बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है.
ऑफ़िस में जाने वाले लोग क्या सावधानी बरतें?
लॉकडाउन में ढील दी गई है, लेकिन अभी भी सभी स्टाफ को न बुलाएं. 30 प्रतिशत तक ही स्टाफ को बुलाकर काम करायें. ऑफिस में कर्मचारी साथ में खाना न खायें. ऑफिस में प्रवेश करने और निकलने के लिए एक रास्ता न हो. निकलने और प्रवेश के लिए दो अलग-अलग रास्ते बनायें, जिससे भीड़ न हो और लोग एक दूसरे से संपर्क में न आएं. हैंड सेनिटाइजर और मास्क जरूरी है.
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कोविड-19 की देश की मौजूदा स्थिति को कैसे देखते हैं?
अभी कई क्षेत्रों में वायरस के केस बढ़ रहे हैं, लेकिन अन्य देशों की तुलना में हमारे यहां संक्रमण की रफ्तार अभी भी कम है. लेकिन ये नहीं कह सकते हैं केस की रफ्तार कम हो रही है. इसके लिए जरूरी है कि अगर बाहर जा रहे हैं या यात्रा कर रहें हैं, तो खुद को सुरक्षित रखने का पूरा खयाल रखें. तभी संक्रमण के मामलों को कम कर सकेंगे. हांलाकि हमारे यहां लोगों के ठीक होने का प्रतिशत बढ़ गया है.