नई दिल्ली. कोरोनावायरस की रोकथाम के मद्देनजर लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच 19 दिन बाद सोमवार को लगभग सभी केंद्रीय मंत्रियों, संयुक्त सचिवों और उससे ऊपरी रैंक के अधिकारियों ने अपने संबंधित मंत्रालयों में काम फिर से शुरू कर दिया है. शटडाउन की अवधि के दौरान बंद के बीच अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर वापस लाने की योजनाओं पर काम जारी रखने के इरादे से सभी लोग वापस काम पर लौटे हैं.
21 दिनों का देशव्यापी लॉकडाउन 14 अप्रैल की मध्य रात्रि को समाप्त हो रहा है, ऐसे में संक्रमण की रोकथाम को लेकर इससे पहले एक उचित तंत्र तैयार किया जा सके इसलिए केंद्र की ओर से दो दिन पहले निर्देश जारी किए गए थे, जिसका अब पालन किया गया है. कोरोनावायरस महामारी के रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों को पालन करते हुए हर मंत्रालय ने आवश्यक स्टाफ के एक तिहाई सदस्यों के साथ अपने काम को फिर से शुरू कर दिया है. यह भी पढ़े-कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल सुबह 10 बजे देश को करेंगे संबोधित, लॉकडाउन का कर सकते हैं ऐलान
उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन की जिम्मेदारी देख रहे राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह लागू हुए लॉकडाउन के बाद पहली बार न्यूनतम कर्मचारियों के साथ नॉर्थ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय पहुंचे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, खेल मंत्री किरेन रिजिजू और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी अपने कार्यालयों से कामकाज फिर से शुरू कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च की मध्यरात्रि से तीन सप्ताह के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसके बाद से ये सभी मंत्री वर्क फ्रॉम होम (घर से ही काम) कर रहे थे.
गहलोत ने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद सभी मंत्रियों ने अपने कार्यालय में कामकाज को पुन: शुरू कर दिया है. सभी मंत्रियों के साथ-साथ अधिकारियों और उनके कर्मचारियों को नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक और शास्त्री भवन स्थित कार्यालयों में अपने संबंधित मंत्रालयों में प्रवेश करने से पहले थर्मल स्कैनिंग से गुजरना पड़ा. किसी भी मंत्रालय से जुड़े कर्मचारियों को सैनिटाइज कराने के बाद ही एंट्री मिली.