Coronavirus Outbreak in UP: योगी सरकार से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मांगा कोरोना से निपटने का एक्शन प्लान, सख्त लॉकडाउन का दिया सुझाव

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. सूबे में कोविड-19 से अब तक 3059 लोगों की मौत हुई है, जबकि 49,575 सक्रीय मरीजों का अलग-अलग स्थानों पर इलाज चल रहा है. वहीं इलाज के बाद कुल 1,44,754 संक्रमित घातक वायरस से छुटकारा पा चुके है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. सूबे में कोविड-19 से अब तक 3059 लोगों की मौत हुई है, जबकि 49,575 सक्रीय मरीजों का अलग-अलग स्थानों पर इलाज चल रहा है. वहीं इलाज के बाद कुल 1,44,754 संक्रमित घातक वायरस से छुटकारा पा चुके है. इस बीच राज्य में कोरोना संक्रमितों की मौत की बढती संख्या पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने चिंता जाहिर की है और यूपी सरकार से रिपोर्ट तलब की है.

मिली जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार को लॉकडाउन लगाने की सलाह दी है. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से कोरोना से निपटने का एक्शन प्लान मांगा है. साथ ही जवाब तलब किया है कि क्यों लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई है. कोर्ट ने 28 अगस्त तक योगी सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. Coronavirus Update: उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत, संक्रमितों के बढ़ रहे हैं मामले

जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य सरकार और प्रशासन कोरोना वायरस के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए तमाम उपाय कर रहे है, लेकिन जनता गंभीर नहीं है. लोग अपने जान की परवाह नहीं कर रहे हैं. और जिला प्रशासन भीड़ लगाने वालों पर काबू पाने में असफल रहा है. कोर्ट ने राय दी की एक पखवाड़े का लॉकडाउन संक्रमण रोकने में सफलता दिला सकता है.

कोर्ट ने कहा कि संक्रमण रोकने के लिए कदम तो उठाए गए है लेकिन अब तक कुछ कारगर साबित नहीं हो पा रहा है. लोग बेवजह घूम रहे है. बिना मास्क पहनने और सोशल डिस्टेसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. ऐसे में नतीजा हासिल करने के लिए चयनित तरीके से सब कुछ बंद कर लोगों को घरों में रहने के लिए विवश करना होगा.

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