आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए COVID-19 की जांच

कोरोना वायरस सभी वर्गों के लोगों को प्रभावित कर रहा है. ऐसे अगर कोई कोरोना पॉजिटिव आता है तो उसे घबराना नहीं है. जिस तरह से देश के गृह मंत्री अमित शाह वायरस से पॉजिटिव आने पर खुद जानकारी दी और संपर्क में आये लोगों को जांच कराने और खुद को क्वारनटाइन करने के लिए कहा.

कोरोना वायरस (Photo Credits: Pixabay)

कोरोना वायरस सभी वर्गों के लोगों को प्रभावित कर रहा है. ऐसे अगर कोई कोरोना पॉजिटिव आता है तो उसे घबराना नहीं है. जिस तरह से देश के गृह मंत्री अमित शाह वायरस से पॉजिटिव आने पर खुद जानकारी दी और संपर्क में आये लोगों को जांच कराने और खुद को क्वारनटाइन करने के लिए कहा. उसी तरह किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है. कोरोना का पता लगाने के लिए सरकार ने टेस्टिंग को और अधिक अत्याधुनिक बना दिया है. हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी टेस्टिंग की प्रक्रिया में शामिल किया है.

इस बारे में जानकारी देते हुए लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली के डॉ. मधुर यादव ने बताया कि इजरायल ने भारत के DRDO के साथ मिलकर एक टेस्टिंग उपकरण तैयार किया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करता है. इसमें अगर कोई कोरोना का टेस्ट कराने के लिए आता है, तो उसकी नाक या मुंह से उसका स्पूटम सैंपल लेते हैं और वॉयस रिकॉर्डिंग करते हैं. इस टेस्ट में यह चेक करते हैं कि मरीज के अंदर क्या-क्या बदलाव आये हैं. यह टेस्ट 10 मिनट में हो सकता है. इसके कई सेंटर हैं. लेडी हार्डिंग अस्पताल में भी यह टेस्ट होता है. कोई भी जा कर रजिस्ट्रेशन करा सकता है. इस दौरान डॉ मधुर से कई सावालों के साथ विशेष चर्चा की जिसमें उन्होंने कई अहम जानकारी दी.

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जैसे-जैसे टेस्टिंग बढ़ा रहे हैं पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं. वायरस का शुरू में जिस तरह से आक्रामक रूख था अब उसमें कमी आयी है. यह लोगों के सहयोग की वजह से है. जरा से लक्षण दिखने पर तुंरत आइसोलेशन (isolation) और खुद की सेहत का ध्यान रखने से संक्रमण का खतरा कम हुआ है. इस वजह से वायरस का असर भी कम हो रहा है. लेकिन अभी भी लापरवाही नहीं बरतनी है। अनलॉक-3 शुरू हो चुका है. इसमें भी बहुत जरूरी होने पर ही बाहर जायें, अन्यथा घर पर ही रहें.

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सीरो सर्वे एक एंटीबॉडी टेस्टिंग है, जिससे पता चलता है कि किसी व्यक्ति को संक्रमण हुआ है या नहीं. इसमें यह नहीं पता चलता है कि व्यक्ति कब संक्रमित हुआ है, लेकिन पॉजिटिव आने पर यह जरूर सुनिश्चित हो जाता है कि व्यक्ति के अंदर एंटीबॉडी बन चुके हैं और वह सुरक्षित है. इससे यह भी पता चलता है किसी सोसायटी में लोग संक्रमित हो चुके हैं या नहीं. जिन लोगों में इम्यूनिटी बन रही है और व एसिम्प्टोमेटिक हैं, तो उन लोगों को आइसोलेट किया जाता है, ताकि संक्रमण दूसरी जगह नहीं फैले.

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अगर अनजाने में कोरोना मरीज के संपर्क में आ गया तो क्या करें?

अगर आप किसी के संपर्क में आये और बाद में पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव था, तो घबराने की जरूरत नहीं है. सबसे पहले खुद को आईसोलेट (isolate) कर लें. लक्षण आने में 5-14 दिन का वक्त लगता है. इस दौरान लक्षण आने की संभावना रहती है. कई बार लगता है कि बुखार खत्म हो गया तो हम ठीक हो गये, लेकिन ऐसा नहीं है. आपको 14 दिन तक आइसोलेट रहना होगा, क्योंकि कोरोना वायरस शरीर में 14 दिन तक मौजूद रहते हैं.

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