नई दिल्ली: कोरोना महामारी (Corona epidemic) को लेकर दूसरे अन्य देशों की तरह भारत (India) भी इसकी चपेट में है. जो भारत में तेजी के साथ बढ़ते कोरोना में मामलों ने मोदी सरकार की मुसीबत बढ़ा दी है. क्योंकि भारत में कोरोना के मामले हर दिन कम होने की अपेक्षा बढ़ते ही जा रहे हैं. कोरोना को लेकर भारत के लिए बुरी खबर है कि अब तक भारत जो कोरोना वायरस को लेकर कुछ दिन पहले पांचवें और सातवें स्थान पर था. लेकिन भारत में कोविड-19 के मामले तेजी के साथ बढ़ने के चलते तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. जो भारत सरकार के लिए बुरी खबर हैं. क्योंकि दूसरे अन्य देशों की अपेक्षा भारत की आबादी बहुत ज्यादा है. ऐसे में यह महामारी भारत में फैलकर पहले स्थान पर पहुंच गई तो भारत के लिए बड़ा मुसीबत बन सकता है.
कोरोना महामारी को लेकर Worldometers के आंकड़ों के अनुसार भारत जो अब तक पांचवें से सातवें स्थान पर था. वह अब तीसरे स्थान पर आ गया है. कोरोना को लेकर अमेरिका में 2,959,188 मरीज पाए जाने के बाद पहले स्थान है. वहीं ब्राजील 1,579,837 में कोरोना के 1,579,837 मामले हैं. जो दूसरे स्थान पर हैं. भारत 697,069 के साथ तीसरे स्थान पर आ गया है और भारत में इस महामारी से 19,699 लोगों की जान जा चुकी है. यह भी पढ़े: कोरोना का कहर: भारत मे कोविड-19 के मामले में रिकॉर्ड वृद्धि, अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों में केद्रीय दल तैनात
कोविड-19 की महामारी को लेकर उम्मीद जगी थी कि आईसीएमआर की तरफ से 15 अगस्त को कोरोना वैक्सीन को लेकर घोषणा हो सकती है. लेकिन खबर है कि इसकी दवा खोजने में और समय लगेगा. जो 2021 से पहले यह वैक्सीन नहीं आ सकती है. मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा जरी बयान में कहा गया है कि COVAXIN और ZyCov-D के साथ-साथ दुनिया भर में 140 वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों में से 11 ह्यूमन ट्रायल के दौर में हैं. जो इन दवाओं को 2021 से पहले बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए तैयार नहीं किया जा सकता है.