भोपाल, 14 फरवरी : मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती आवाज उठाती रही हैं और 14 फरवरी से शराबबंदी के लिए अभियान चलाने का भी ऐलान किया था. यह अभियान शुरू न होने पर कांग्रेस ने तंज कसा है. मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि ऐसा लगता है कि शिवराज सरकार के शराब प्रेम के आगे अब प्रदेश की फायर ब्रांड नेता पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी घुटने टेक दिए हैं.
सलूजा ने बताया कि पिछले कई माह से उमा भारती की शराबबंदी के अभियान शुरू करने को लेकर तारीख-पे-तारीख सामने आ रही थी. पहले उन्होंने आठ मार्च 2021 की तारीख दी, फिर उसे बढ़ाकर उन्होंने 15 जनवरी 2022 किया और बाद में उसे 14 फरवरी किया.उन्होंने घोषणा की थी कि मध्यप्रदेश में शराबबंदी को लेकर वह लट्ठ लेकर सड़कों पर उतरेगी. इस अभियान को शुरू करने को लेकर वे लगातार तारीख-पे-तारीख देती रही और एक बार फिर उनकी तीसरी बार की तारीख भी हवा हवाई साबित हुई है. आज का दिन बीत जाने के बाद भी उमा भारती का न कोई अता-पता है और न उनके शराबबंदी अभियान का कोई अता पता है. यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश में लूट के लिए दलों ने परिजनों को क्षेत्र वितरित किए थे: प्रधानमंत्री मोदी
सलूजा ने कहा कि शिवराज सरकार ने उमा भारती की घोषणा के बाद लगातार उन्हें चुनौती देने का और उन्हें ठेंगा दिखाने का काम किया है. उनकी घोषणा के बाद मध्य प्रदेश में शराब सस्ती कर दी गई, अब शराब घर-घर मिलेगी, बार लाइसेंस के तहत अब शराब घर-घर मिलेगी. यही नहीं अब देशी और अंग्रेजी शराब दोनों एक साथ में मिलेगी, एयरपोर्ट, सुपर बाजार में भी मिलेगी. इससे समझा जा सकता है कि शिवराज सरकार उमा भारती की किसी भी चुनौती को गंभीरता से नहीं लेती और उनका शराब प्रेम आज भी बरकरार है.