कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व राजस्थान में राजनीतिक ड्रामा से परेशान है, जहां रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थकों ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के खिलाफ नारेबाजी की तो दूसरी ततफ पार्टी सूत्रों ने जानकारी दी कि, अशोक गहलोत और सचिन पायलट को दिल्ली तलब किया गया है। माना जा रहा है कि, कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए रेस में शामिल गहलोत ने पार्टी नेतृत्व से कहा था कि उनके हाथ में कुछ भी नहीं है और यह विधायकों को तय करना है. रविवार को उस समय राजस्थान की सियासत में नया मोड़ देखा गया जब गहलोत समर्थित 70 विधायक राज्य मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर एकत्र हो गए ताकि पायलट को उत्तराधिकारी की दौड़ से बाहर करने की रणनीति बनाई जा सके.
राज्य मंत्री प्रताप खाचरियावास के अनुसार, 92 विधायक एक साथ हैं और उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, हमें अपना नेता चुनने का पूरा अधिकार है और हम अपना नेता तय करेंगे. अगर उन्हें नहीं सुना गया तो ये विधायक विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी को अपना इस्तीफा सौंप देंगे.