नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने राफेल विमान सौदे पर फिर मोदी सरकार को घेरा है. शनिवार को उन्होंने बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के फैसले की पृष्ठभूमि में वह पीएसी के सदस्यों से आग्रह करेंगे कि अटॉर्नी जनरल और नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) को बुलाकर पूछा जाए कि राफेल मामले में कैग की रिपोर्ट कब और कहां आई है.
कांग्रेस नेता खड़गे ने मोदी केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि कोर्ट के समक्ष कैग रिपोर्ट के तौर पर गलत जानकारी रखी. जिस वजह से इस तरह का निर्णय आया है. वहीं आगे उन्होंने कहा कि 'राफेल के बारे में कोर्ट के सामने मौजूदा सरकार को जिन चीजों को ठीक ढंग से रखना चाहिए था, उसने नहीं रखा. अटॉर्नी जनरल ने इस तरह से कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा कि कोर्ट को यह महसूस हुआ कि कैग रिपोर्ट संसद में पेश हो गई है और पीएसी ने रिपोर्ट देख ली है.' उन्होंने पीएम मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, 'जब पीएसी जांच करती है तो साक्ष्यों को देखती है. लेकिन पीएसी की तरफ से कोर्ट को गलत जानकारी दी गई. जिसकी वजह से ऐसा निर्णय आया. यह भी पढ़े: राफेल सौदा: राहुल गांधी का जवाबी हमला, कहा- JPC से मोदी सरकार का झूठ होगा बेनकाब
बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में नरेन्द्र मोदी ( PM Narendra Modi) सरकार को राफेल सौदे मामले में एक तरह से क्लीन चिट दे दी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सौदे में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. इस सौदे को लेकर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है. वहीं ऑफसेट साझेदार के मामले पर 3 सदस्यीय पीठ ने कहा कि किसी भी निजी फर्म को व्यावसायिक लाभ पहुंचाने को लेकर इस सौदे में किसी भी तरह का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है.