Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सचिन पायलट ने दी बधाई, कहा- आशा करता हूं आप कार्यकर्ताओं का पूरा सम्मान करेंगे
राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस के अदंर जारी सियासी घमासान थमा नहीं है. सचिन पायलट (Sachin Pilot) और सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के बीच मची जंग के बीच कांग्रेस ने उन्हें प्रदेश कमेटी चीफ के पद से बर्खास्त कर दिया गया था. जिसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा बुधवार को 29वें अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया. वहीं गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Dotasra) के अध्यक्ष बनने पर सचिन पायलट ट्वीट किया है, सचिन पायलट ने कहा कि श्री गोविंद सिंह डोटासरा जी को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने पर बधाई. मुझे उम्मीद है की आप बिना किसी दबाव या पक्षपात के उन कार्यकर्ताओं जिनकी की मेहनत से सरकार बनी है, उनका पूरा मान-सम्मान रखेंगे.
राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस के अदंर जारी सियासी घमासान थमा नहीं है. सचिन पायलट (Sachin Pilot) और सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के बीच मची जंग के बीच कांग्रेस ने उन्हें प्रदेश कमेटी चीफ के पद से बर्खास्त कर दिया गया था. जिसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा बुधवार को 29वें अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया. वहीं गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Dotasra) के अध्यक्ष बनने पर सचिन पायलट ट्वीट किया है, सचिन पायलट ने कहा कि श्री गोविंद सिंह डोटासरा जी को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने पर बधाई. मुझे उम्मीद है की आप बिना किसी दबाव या पक्षपात के उन कार्यकर्ताओं जिनकी की मेहनत से सरकार बनी है, उनका पूरा मान-सम्मान रखेंगे.
बता दें कि अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने एक साधारण से कार्यकर्ता को बहुत बड़ा सम्मान दिया है. कांग्रेस पार्टी के लिए जो संभव होगा, वह सब कुछ करूंगा. वहीं बागी विधायकों पर उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी के आलाकमान के पास जाना चाहिए. इसका फैसला वहीं होगा. गोविंद सिंह डोटासरा को कांग्रेस की राजस्थान इकाई का नया अध्यक्ष चुने जाने से पहले इस पद पर सचिन पायलट थे. यह भी पढ़ें:- राजस्थान: सीएम अशोक गहलोत को झटका, राज्यपाल कलराज मिश्र ने फिर वापस भेजा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का प्रस्ताव.
सचिन पायलट का ट्वीट:-
लेकिन अशोक गहलोत के खिलाफ उनकी लड़ाई के बाद तीन दिन से उन्हें मनाने के तमाम प्रयासों के बाद पार्टी ने उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के पद से उन्हें हटा दिया गया. इसी बीच राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को राज्य सरकार के एक प्रस्ताव को तीसरी बार वापस लौटा दिया, जिसमें एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की गई थी. वहीं माना जा रहा है आगामी समय में राजस्थान की सियासी लड़ाई और भी दिलचस्प हो सकती है.