Weather Update: दिल्ली में भीषण ठंड, 1.4 डिग्री दर्ज किया गया तापमान, अगले 6 दिनों के लिए अलर्ट जारी
दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में इन दिनों भीषण ठंड का प्रकोप दिख रहा है. आधा भारत इस वक्त सर्दी से कांप रहा है और मौसम विभाग (IMD) की मानें तो दिल्ली, यूपी समेत पूरे उत्तर भारत में ठंड अभी और बढ़ेगी.
नई दिल्ली: दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में इन दिनों भीषण ठंड का प्रकोप दिख रहा है. आधा भारत इस वक्त सर्दी से कांप रहा है और मौसम विभाग (IMD) की मानें तो दिल्ली, यूपी समेत पूरे उत्तर भारत में ठंड अभी और बढ़ेगी. दिल्ली में पहाड़ों जैसी ठंड पड़ रही है. दिल्ली-NCR में कई जगह पारा 2 डिग्रीसे नीचे चला गया है. मौसम विभाग ने बताया कि अभी सर्दी का यह प्रकोप कुछ दिन जारी रहेगा. कोहरे के कारण राजधानी, शताब्दी और हमसफर एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनें लेट.
दिल्ली में सोमवार सुबह शीतलहर का प्रकोप रहा और सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो एक जनवरी 2021 के बाद से इस महीने सबसे कम तापमान है. लोधी रोड पर स्थित मौसम केंद्र में न्यूनतम तापमान 1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. लोधी रोड पर ही भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का मुख्यालय स्थित है.
अभी जारी रहेगी शीतलहर
इस शीतलहर के अभी राहत मिलने के आसार नहीं हैं. पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का सीधा असर मैदानों पर पड़ रहा है. मैदानी इलाकों में एक तरफ शरीर को जमाने वाली ठंडी हवाएं हैं तो दूसरी तरफ कोहरा है. पिछले 24 घंटों में कोहरे की वजह से ट्रेन से लेकर प्लाइट तक प्रभावित हुई हैं.
मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में हाड़ कंपाने वाली ठंड की वापसी हो सकती है. IMD ने दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में 6 दिन का अलर्ट जारी किया है और लोगों को ठंड के प्रति लापरवाही ना बरतने की सलाह दी.
आईएमडी ने पहले दिल्ली में 17-18 जनवरी तक शीतलहर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया था. आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पांच से नौ जनवरी तक भीषण शीतलहर चली जो एक दशक में इस महीने में प्रचंड शीतलहर की दूसरी सबसे लंबी अवधि रही. अभी तक इस महीने 50 घंटे तक घना कोहरा दर्ज किया गया जो 2019 के बाद से सबसे अधिक है.
मैदानी हिस्सों में शीतलहर की घोषणा तब की जाती है, जब न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है. भीषण शीतलहर की घोषणा तब की जाती है जब न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है.