चीन में भारत के राजदूत की दू टूक- LAC पर नए निर्माण बंद करे ड्रैगन, तभी खत्म होगा तनाव
विक्रम मिस्त्री ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ सैन्य गतिरोध को समाप्त करने का एकमात्र तरीका है कि वहां नए निर्माण बंद कर दे. उन्होंने साफ-साफ कहा है इससे ही दोनों देशों के बीच शांति स्थापित की जा सकती है.
नई दिल्ली: भारत और चीन (India-China Border Tension के बीच पूर्वी लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी (Galwan Valley में चल रहे विवाद के बीच चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी (Vikram Misri) ने चीन को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है. विक्रम मिसरी ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ सैन्य गतिरोध को समाप्त करने का एकमात्र तरीका है कि वहां नए निर्माण बंद कर दे. उन्होंने साफ-साफ कहा है कि चीन लद्दाख में नए ढांचे बनाना बंद करे, तभी दोनों के बीच शांति स्थापित की जा सकती है.
न्यूज एजेंसी PTI से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गलवान घाटी (Galwan Valley) पर चीन का दावा टिकने योग्य नहीं है, ऐसे बढ़-चढ़ कर किए गए दावों से चीन को कोई लाभ नहीं होने वाला है. मिसरी ने शुक्रवार को कहा, चीन के गलवान घाटी पर दावे का समर्थन बिलकुल नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, चीन की यथास्थिति को बदलने की कोशिश के नतीजे जमीन पर दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर दिखाई देंगे.' यह भी पढ़ें: अमेरिका ने चीन को भारत समेत इन देशों के लिए बताया बड़ा खतरा.
मिसरी ने कहा कि "भारत ने हमेशा वास्तविक नियंत्रण रेखा के भारतीय इलाके में ही अपनी गतिविधियों को अंजाम दिया है. चीन को सीमा का उल्लंघन करने और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय इलाके में निर्माण का चलन बंद करना होगा. उन्होंने कहा, द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए सीमा पर शांति स्थापित करना बेहद जरूरी है."
बता दें कि दोनों देशों के बीच तनाव गलवान घाटी में 15 जून को हुए घातक संघर्ष के बाद बढ़ा. इस संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए. सेना ने अपने एक बयान में बतया था, लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 जवानों के शहीद होने के अलावा 76 भारतीय जवान घायल भी हुए थे. सेना ने यह भी बताया कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच कई घंटे तक चले इस संघर्ष में चीन के 43 से अधिक सैनिक हताहत हुए हैं.