चीन को रास नहीं आया जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पुनर्गठन, भारत ने ऐसे दिया करारा जवाब
पाकिस्तान के हर मौसम वाले दोस्त चीन ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का भारत का फैसला रास नहीं आया है. चीन ने जम्मू-कश्मीर के विभाजन पर आपत्ति जताते हुए नए प्रदेशों के गठन को गैरकानूनी और अमान्य करारा दिया है.
बीजिंग: पाकिस्तान (Pakistan) के हर मौसम वाले दोस्त चीन (China) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) और लद्दाख (Ladakh) को केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का भारत का फैसला रास नहीं आया है. चीन ने जम्मू-कश्मीर के विभाजन पर आपत्ति जताते हुए नए प्रदेशों के गठन को गैरकानूनी और अमान्य करारा दिया है. चीन का आरोप है कि इससे कुछ चीनी क्षेत्र भारत में शामिल हो जा रहे है. हालांकि चीन के इस रवैये का भारत पर कोई खासा असर नहीं पड़ने वाला है. भारत की ओर से पहले ही कह दिया गया है कि यह भारत का आतंरिक मामला है. किसी बाहरी देश या अन्य का हस्तक्षेप निरर्थक होगा.
चीन का कहना है कि भारत सरकार का यह फैसला उसके कुछ कथित हिस्से को भारत के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र में शामिल करता है. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार चीन ने भारत के फैसले को बीजिंग की संप्रभुता को ‘‘चुनौती’’ देने वाला बताया है.
उधर, भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसके जवाब में कहा “हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे. चीन ने दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के एक बड़े इलाके पर कब्जे जमाया हुआ है. चीन ने 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते के तहत पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) से अवैध रूप से भारतीय क्षेत्रों का अधिग्रहण किया है.”
चीन ने इससे पहले ही भी आर्टिकल-370 के प्रावधानों को हटाने और लद्दाख को अलग केन्द्र शासित प्रदेश बनाने पर आपत्ति जता चुका है. उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल-370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का पांच अगस्त को निर्णय लिया था.
भारत सरकार का यह निर्णय आज यानि 31 अक्टूबर से लागू हो गया और जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दील हो गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन को समाप्त कर दिया है और राज्य को विभाजित कर गठित किये गये दो नये केंद्रशासित प्रदेशों --जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया.
देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (संघ राज्य क्षेत्रों) में तब्दील कर दिया गया. इस तरह, केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) की संख्या बढ़ कर नौ हो गई और राज्यों की संख्या घटकर 28 रह गई है. केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अस्तित्व में आए जम्मू-कश्मीर का उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू को और लद्दाख का उप राज्यपाल राधा कृष्ण माथुर को बनाया गया है.