कोलकाता, 29 फरवरी : कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने गुरुवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शेख शाहजहां के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है. शेख शाहजहां को संदेशखाली में ईडी और सीएपीएफ जवानों पर हमले के 55 दिन बाद गिरफ्तार किया गया.
उन्होंने यह टिप्पणी तब की जब शेख शाहजहां के वकील ने अपने मुवक्किल की गिरफ्तारी के संबंध में न्यायमूर्ति शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ का ध्यान आकर्षित किया और मामले में कुछ प्रस्तुत करना चाहा. हालांकि, मुख्य न्यायाधीश ने शाहजहां के वकील की किसी भी दलील को सुनने से इनकार कर दिया. मामले में दलील पर 4 मार्च को सुनवाई की जाएगी, जो संदेशखाली मामले की अगली सुनवाई है. मामला हाईकोर्ट के स्वत: संज्ञान से शुरू किया गया था. यह भी पढ़ें : Land Scam Cases: हरक सिंह रावत को आज दिल्ली में ED के समक्ष होना है पेश, लैंड स्कैम मामले में ED ने भेजा था समन
उन्होंने कहा, ''अगले 10 साल तक आपको अपने क्लाइंट के साथ बहुत व्यस्त रहना होगा. आपको चार-पांच जूनियर नियुक्त करने पड़ेंगे. अदालत को शेख शाहजहां के प्रति कोई भी सहानुभूति नहीं है.'' रिपोर्ट के अनुसार, शेख शाहजहां को गुरुवार सुबह उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उपखंड न्यायालय ने 10 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया.
शेख शाहजहां पर आईपीसी की कई गैर-जमानती धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. सरकारी वकील ने भी उसे बेहद प्रभावशाली व्यक्ति बताया. पुलिस ने जिला अदालत में सौंपी गई रिपोर्ट में शाहजहां को 5 जनवरी को ईडी और सीपीएएफ अधिकारियों पर हमले के पीछे के मास्टरमाइंड के रूप में पहचाना है. सरकारी वकील ने यहां तक कह दिया कि अगर संयोग से उसे जमानत पर रिहा किया गया तो वह गवाहों को डराने-धमकाने और अपने खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ करने की हरसंभव कोशिश करेगा.