महिला ने पहले खुद किडनी बेचकर जुटाए 5 लाख, फिर शुरू किया वो धंधा जिससे बर्बाद हुए कई
बहुचर्चित किडनी कांड का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने किडनी चोरों के गंगोत्री चेरिटेबल अस्पताल में चल रहे इंटरनेशनल किडनी ट्रांसप्लांट के धंधे की मुख्य एजेंट को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया है.
देहरादून: बहुचर्चित किडनी कांड का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने किडनी चोरों के गंगोत्री चेरिटेबल अस्पताल में चल रहे इंटरनेशनल किडनी ट्रांसप्लांट के धंधे की मुख्य एजेंट को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया है. धंधे में मुख्य एजेंट के तौर पर एक महिला चांदना गुड़िया का नाम सामने आया है. चांदना 5 लाख रुपये में पहले अपनी किडनी बेच चुकी है. इसके बाद वह अमित राऊत के गिरोह के संपर्क में आई और उसने किडनी ट्रांसप्लांट का काम शुरू किया. चांदना लोगों को अमित राउत के गिरोह के पास भेजती थी और कमीशन के तौर पर 25 हजार रूपये लेती थी.
चांदना लोगों को विदेश में नौकरी लगाने का लालच देकर किडनी सरगनाओं के पास भेजती थी, और वे लोग विदेश में नौकरी देने के बहाने उनका मेडिकल टेस्ट कराते और उस दौरान उनकी किडनी निकालकर देश-विदेश में 45 से 60 लाख रुपए तक में बेच देते. अब तक इस गिरोह ने 5 किडनी निकालकर देश-विदेश में बेच चुका है. पुलिस को शक है कि इस रैकेट में कई बड़े लोग और डॉक्टर भी शामिल हो सकते हैं.
इन बड़े शहरों में फैला है जाल
किडनी रैकेट की एजेंट चांदना ने पुलिस को बताया कि वह किसी गैंग के सरगना को नहीं जानती है. गिरोह में शामिल लोगों के नाम भी उसे नहीं पता है. लेकिन, उन लोगों के नाम पता हैं जो उसके जैसे एजेंट हैं. पुलिस के अनुसार चांदना ने बताया कि दिल्ली, कोलकाता, मुंबई जैसे बड़े शहरों के कई अस्पताल ऐसे हैं जहां इस तरह के एजेंट हर समय घूमते रहते हैं. वे ऐसे अमीर लोगों के संपर्क में रहते हैं, जिनका सप्ताह में एक या दो-तीन बार डायलेसिस होता है.
बता दें कि इस किडनी कांड का भंडाफोड़ बीते साल 12 सितंबर को ही हो गया था जिसकी खबर पाते ही चांदना अंडरग्राउंड हो गई थी. कुछ लोगों को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार किया, जबकि रैकेट के सरगना अमित राऊत और अन्य बाकी लोगों को कुछ दिनों बाद गिरफ्तार किया गया था.
पिछले साल से थी पुलिस को चांदना की तलाश
मौके से पकड़े गए कुछ लोगों ने पुलिस को बताया कि उन्हें कोलकाता के हावड़ा इलाके में रहने वाली चांदना गुड़िया नाम की महिला ने यहां भेजा था. इसके बाद पुलिस चांदना की तलाश में जुट गई थी. लोगों के पास न तो उसका कोई फोटो था और न कोई मोबाइल नंबर. वहीं किडनी रैकेट के भंडाफोड़ की भनक लगते ही चांदना अंडरग्राउंड हो गई थी. जिसके चलते पुलिस को चांदना को ढूंढने में काफी वक्त लगा.
नर्स बनकर चांदना चला रही थी स्वास्थ्य केंद्र
बीते शनिवार को पुलिस ने चांदना को हावड़ा के जीआईपी कॉलोनी स्थित एक घर से गिरफ्तार कर किया. पुलिस के मुताबिक चांदना ने वहां एक स्वास्थ्य केंद्र खोला हुआ था, बताया जा रहा चांदना वहां खुद को नर्स बताकर वहां रह रही थी. चांदना वहां लोगों की छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज किया करती थी.
गरीबी के चलते बेची थी अपनी किडनी
गिरफ्तारी के बाद चांदना ने पुलिस को बताया कि गरीबी के चलते उसने पांच लाख रुपये में अपनी किडनी बेची थी. इसके बाद उसे यह तरीका पैसे कमाने का आसान तरीका लगा इसलिए उसने उन लोगों से संपर्क बनाए जिन्होंने उसकी किडनी निकाली थी. उन लोगों ने इसके बाद चांदना को अपना कमीशन एजेंट बना दिया. चांदना उन तक लोगों को पहुंचाने का काम करती थी. पुलिस पूछताछ सामने आया है कि चांदना सिर्फ अमित राऊत के गिरोह की ही एजेंट नहीं थी बल्कि देश के अन्य गिरोह भी उसके संपर्क में है.