नए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की आगे की राह नहीं होगी आसान, उनके कंधों पर होगी ये जिम्मेदारियां
उर्जित पटेल के आरबीआई गवर्नर के पद से अचानक इस्तीफा देने के घटना पर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने कहा है कि नए गवर्नर के कंधों पर केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता और विश्वनीयता बहान करने की बड़ी जिम्मेदारी होगी.
नई दिल्ली: उर्जित पटेल के आरबीआई (RBI) गवर्नर के पद से अचानक इस्तीफा देने के घटना पर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर (Governor) डी सुब्बाराव (Duvvuri Subbarao) ने कहा है कि नए गवर्नर के कंधों पर केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता और विश्वनीयता बहान करने की बड़ी जिम्मेदारी होगी. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि पटेल पर सीमा से ज्यादा बढ़ गया था, जिसके चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.
सुब्बराव ने भरोसा जताया है कि सरकार अनुभवी और परिपक्व है और वह पटेल के इस्तीफे पर आत्ममंथन करेगी. उल्लेखनीय है कि पूर्व गवर्नर की भी अपने कार्यकाल के दौरान केंद्र से तकरार हुई थी.
पूर्व गवर्नर सुब्बाराव ने टीवी चैनल सीएनबीसी टीवी18 से कहा, "सरकार को शायद इस बात की भी समीक्षा करनी होगी कि उसे अपने एजेंडा (अपनी बात) को बढ़ाने के लिए क्या तरीका अपनाना ठीक होगा, एजेंडा बढ़ाने की सीमा क्या हो सकती है और इस काम में किस समय उसे अपने को पीछे हटाना लेना चाहिए.’’
उन्होंने कहा, "सरकार को गंभीरता से आत्ममंथन करना होगा... गवर्नर की कुर्सी पर बैठने वाले शख्स के सामने आरबीआई की विश्वसनीयता फिर से कायम करने की जिम्मेदारी होगी और उसे सरकार के साथ मिल कर कामकाज की व्यवस्था कायम करनी होगी जिससे यह न लगे की वह सरकार से एक स्वीकार्य सीमा से अधिक प्रभावित हो कर काम कर रहा है."
सुब्बाराव ने कहा कि सरकार को ऐसे उम्मीदवार का चयन करना चाहिये जिसे कि बाजार से सम्मान मिल सके. यह भी पढ़े- RBI के नए गवर्नर बने पूर्व वित्त सचिव शक्तिकांत दास, जानिए क्यों मिली उन्हें ही यह जिम्मेदारी
उर्जित पटेल ने सोमवार को निजी कारणों का हवाला देते हुये अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. पटेल ने अपना इस्तीफा केंद्रीय बैंक की अहम बैठक से ठीक चार दिन पहले दिया है. इस बैठक में उन मुद्दों पर बातचीत होनी थी जिन पर सरकार के साथ टकराव चल रहा है.
पटेल बाजार उदारीकरण के दौर में ऐसे पहले गवर्नर हैं जिन्होंने कार्यकाल खत्म होने से पहले अपना पद छोड़ना पड़ा है.