ओटावा, 3 मई: कनाडा पुलिस ने खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में शुक्रवार को तीन भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है. मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई. पुलिस का मानना है कि गिरफ्तार किए गए लोग उस कथित समूह के सदस्य हैं जिन्हें पिछले साल भारत सरकार ने निज्जर की हत्या करने का काम सौंपा था.
पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों पर निज्जर की हत्या में ‘‘संभावित रूप से’’ शामिल होने का आरोप लगाया था जिसके बाद भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव आ गया था. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को 'बेतुका' और ‘‘प्रेरित’’ बताते हुए खारिज कर दिया था.
सूत्रों के मुताबिक तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और उन पर आरोप है कि जिस दिन निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया के सरे स्थित गुरुद्वारे के बाहर हत्या की गई थी उस दौरान इन लोगों ने शूटर, वाहन चालक आदि का काम किया था.
सीटीवी न्यूज ने एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र के हवाले से बताया कि तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उन पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया गया है. अदालत के दस्तावेजों से पता चला कि करणप्रीत सिंह, कमलप्रीत सिंह और करण बराड़ पर निज्जर की हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप है ग्लोबल न्यूज की एक खबर में संदिग्धों की पहचान भारतीय नागरिकों के रूप में की गई है.
खबर में बताया गया, ''कनाडाई पुलिस ने निज्जर की गोली मारकर हत्या किए जाने के लगभग एक साल बाद शुक्रवार सुबह भारतीय नागरिकों को हिरासत में लिया.'' सूत्रों का हवाला देते हुए बताया गया कि संदिग्धों ने छात्र वीजा पर कनाडा में प्रवेश किया था, लेकिन हो सकता है कि जब उन्होंने निज्जर को गोली मारी तो वे भारतीय खुफिया विभाग के निर्देश पर काम कर रहे थे.
पार्लियामेंट हिल पर पत्रकारों से बात करते हुए, कनाडा के रक्षा मंत्री ने शुक्रवार को इस मामले में भारत सरकार के संबंध की पुष्टि करने से इनकार कर दिया और कहा कि इस सवाल का जवाब कनाडा पुलिस ही बेहतर तरीके से दे सकती है. रक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने कहा, ''मुझे कनाडा सरकार के सुरक्षा तंत्र और आरसीएमपी के काम और (कनाडाई) सुरक्षा खुफिया सेवा के काम पर पूरा भरोसा है.''
खबर में बताया गया कि पुलिस ने इन लोगों को शुक्रवार को कनाडा के कम से कम दो प्रांतों में चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान गिरफ्तार किया. सूत्रों ने बताया कि कुछ महीने पहले पुलिस ने इन लोगों की पहचान निज्जर की हत्या में शामिल व्यक्तियों के समूह के तौर पर की थी और पुलिस उन पर नजर रख रही थी.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा अपने देश में खालिस्तानी तत्वों से संबंधित कुछ टिप्पणियां करने के कुछ दिनों बाद, भारत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि ये टिप्पणियां एक बार फिर कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को मिले राजनीतिक स्थान को दर्शाती हैं.
ट्रूडो ने रविवार को टोरंटो में खालसा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया था जिसमें कुछ खालिस्तान समर्थक लोगों ने हिस्सा लिया था. ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों का जिक्र करते हुए कथित तौर पर कार्यक्रम से इतर मीडिया से कहा कि ‘‘हमारा काम राजनीतिक विरोध को कुचलना नहीं है.’’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पहले भी इस तरह की टिप्पणी की है. उनकी टिप्पणी एक बार फिर कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को दिये गये राजनीतिक स्थान को दर्शाती है.’’
ट्रूडो की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर जायसवाल ने कहा था, ‘‘यह न केवल भारत-कनाडा संबंधों को प्रभावित करता है, बल्कि कनाडा में उसके नागरिकों को क्षति पहुंचाने वाली हिंसा के माहौल को भी बढ़ावा देता है.’’
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