घर खरीदारों को मोदी सरकार ने दी बड़ी राहत, निर्माणाधीन मकानों पर 5 फीसदी तो सस्ते घरों पर लगेगी सिर्फ 1 फीसदी जीएसटी

दिल्ली में रविवार एक बैठक के दौरान मोदी सरकार ने जीएसटी को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. दरअसल घर का सपना देख रहे लोगों को मोदी सरकार एक बड़ा तोहफा देते हुए गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में बड़ी कटौती की गई है

अरुण जेटली (Photo Credits: ANI)

दिल्ली में रविवार एक बैठक के दौरान मोदी सरकार ने जीएसटी को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. दरअसल घर का सपना देख रहे लोगों को मोदी सरकार एक बड़ा तोहफा देते हुए गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (GST) में बड़ी कटौती की गई है. बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि किफायती मकानों पर जीएसटी की दर को 8 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत किया गया. वहीं जीएसटी परिषद ने निर्माणाधीन परियोजनाओं में मकानों पर जीएसटी (GST) की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया है.

मीडिया से बात करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हम रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूत करना चाहते हैं तांकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके. वित्त मंत्री ने बताया, 'महानगरों में 60 वर्ग मीटर और 45 लाख के अपार्टमेंट और अन्य जगहों पर 90 वर्ग मीटर और 45 लाख तक के मकान अफोर्डेबल हाउस के अंतर्गत आएंगे. बेंगलुरु, चेन्नै, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में 60 वर्ग मीटर कार्पेट एरिया तक के मकान किफायती माने जाएंगे, जबकि नॉन मेट्रो शहरों में 90 वर्ग मीटर तक के घर अफोर्डेबल माने जाएंगे. नई दरें 1 अप्रैल 2019 से लागू होंगी.'

वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली बताया कि इस समय निर्माणाधीन या ऐसे तैयार मकान जिनके लिए काम पूरा होने का प्रमाणपत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) नहीं मिला हो, उन पर खरीदारों को 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना पड़ता है. लेकिन वर्तमान व्यवस्था में मकान निर्माताओं को इनपुट (निर्माण सामग्री) पर चुकाये गए कर पर छूट का लाभ भी मिलता है.जीएसटी की रविवार को तय दरों के तहत उन्हें (परियोजना निर्माताओं को) इनपुट कर की छूट का लाभ नहीं मिलेगा. सरकार जमीन-जायदाद की परियोजनाओं में ऐसे मकानों/भवनों पर जीएसटी नहीं लगाती है, जिनकी बिक्री के समय ‘कंप्लीशन सर्टिफिकेट’ मिल चुका होता है.

जेटली ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह (जीएसटी दर में कमी का) फैसला निश्चित रूप से भवन निर्माण क्षेत्र को बल प्रदान करेगा.’’वित्त मंत्री ने बताया कि लॉटरी पर जीएसटी के बारे में फैसला आगे के लिए टाल दिया गया है। इस बारे में प्रस्ताव पर चर्चा के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक फिर होगी. इस समय राज्य सरकारों द्वारा संचालित लॉटरी योजनाओं पर 12 प्रतिशत एवं राज्य सरकारों द्वारा अधिकृत लॉटरी पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है. (भाषा इनपुट)

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