VIDEO: कर्नाटक में भाषा विवाद को लेकर बस कंडक्टर और ड्राइवर पर हमला, मराठी सीखने की दी धमकी

बेलगावी: उत्तर पश्चिम कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NWKRTC) की एक बस के कंडक्टर और ड्राइवर पर शुक्रवार को बेलगावी से 16 किलोमीटर दूर बालेकुंद्री (KH) गांव में भाषा विवाद को लेकर हमला कर दिया गया.

कंडक्टर महादेव हुक्कर ने मरीहाल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई कि बालेकुंद्री (KH) पहुंचने पर एक समूह ने उन पर और बस ड्राइवर राजेसाब मोमिन पर बेरहमी से हमला किया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे कन्नड़ समर्थक संगठनों में रोष है और उन्होंने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है.

भाषा को लेकर हुआ विवादबीआईएमएस सरकारी अस्पताल में मीडिया से बात करते हुए हुक्कर ने बताया, "बेलगावी शहर से एक लड़की और एक लड़का बालेकुंद्री की यात्रा कर रहे थे. लड़की ने आधार कार्ड दिखाया, जिसके बाद मैंने उसे कन्नड़ में कहा कि लड़के का टिकट भी ले लें. इस पर लड़की ने मुझसे मराठी में बात करने के लिए कहा. जब मैंने बताया कि मुझे मराठी नहीं आती, तो उसने कहा कि मुझे मराठी सीखनी चाहिए. इसी दौरान लड़के ने हस्तक्षेप किया और मुझे धमकी दी."

हुक्कर ने आगे बताया कि जब बस बालेकुंद्री पहुंची, तो करीब 20 लोग बस में चढ़े और उन पर हमला कर दिया. "वे मुझे मारते हुए कह रहे थे कि मुझे मराठी सीखनी चाहिए. मैं बहुत डर गया था, यह एक भयानक अनुभव था," हुक्कर ने कहा.

इस घटना की पुष्टि करते हुए डीसीपी (लॉ एंड ऑर्डर) रोहन जगदीश ने कहा कि बस ड्राइवर और कंडक्टर दोनों पर भाषा को लेकर हुए विवाद के बाद हमला किया गया.

बेंगलुरु में कन्नड़ सीखने की बात कहने पर शख्स पर हमला

भाषा विवाद को लेकर कर्नाटक में हिंसा की यह पहली घटना नहीं है. हाल ही में बेंगलुरु के बीवीके अयंगर रोड स्थित एक आर्ट स्टोर में एक 52 वर्षीय व्यक्ति पर हमला कर दिया गया, जब उन्होंने स्टाफ से कन्नड़ सीखने के लिए कहा.

डबासपेट निवासी और शामियाना टेंट हाउस के मालिक सैयद रफीक ने इस घटना की शिकायत पुलिस से की, जिसके बाद सिटी मार्केट पुलिस ने ममता आर्ट्स स्टोर में काम करने वाले शेष कुमार और अरविंद को गिरफ्तार किया.

रफीक के अनुसार, यह घटना 30 सितंबर को तब हुई जब वह और उनकी पत्नी चीकपेट स्थित स्टोर में गए थे. वहाँ उन्होंने कन्नड़ में 'दीपदा कंबा' (दीप स्तंभ) के डिज़ाइन दिखाने के लिए कहा, लेकिन कर्मचारी समझ नहीं पाए. इसके बाद जब उन्होंने स्टोर मालिक से बात की, तो कर्मचारियों ने हिंदी में उन्हें गाली देना शुरू कर दिया.

रफीक ने कहा, "मैंने पहले उनसे हिंदी में बात की, लेकिन 'कंचिना दीपदा कंबा' शब्दों का इस्तेमाल किया. कर्मचारी इसे नहीं समझ पाए. जब मैंने उन्हें समझाने की कोशिश की, तो कोई फायदा नहीं हुआ. स्टोर मालिक बातचीत में आए, लेकिन कर्मचारी मुझसे हिंदी में झगड़ने लगे. जब मैंने उनसे कहा कि वे कर्नाटक में व्यापार कर रहे हैं तो उन्हें कन्नड़ सीखनी चाहिए, तो अरविंद ने चिल्लाकर कहा कि क्या उसे मुझसे बात करने के लिए स्कूल जाकर कन्नड़ सीखनी पड़ेगी. मैंने जवाब दिया कि इसमें कुछ गलत नहीं है."

इन दोनों घटनाओं ने कर्नाटक में भाषा विवाद को लेकर बढ़ते तनाव को उजागर किया है और स्थानीय लोगों में गुस्सा पैदा कर दिया है.