बुलंदशहर हिंसा: गिरफ्तार फौजी जीतू ने माना की घटना स्थल पर वह मौजूद था, लेकिन उसने गोली नहीं चलाई
पूछताछ में उसने एसटीएफ के अधिकारियों के सामने इस बात को कबूल किया कि घटनावाले दिन भीड़ के समय वह घटना स्थल पर मौजूद था. लेकिन उसने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को गोली नहीं मारी है. बता दें कि बुलंदशहर हिंसा मामले में इन्स्पेटर सुबोध कुमार सिंह और स्थानीय नागरिक सुमित को गोली से मारने को लेकर जीतू पर आरोप लग रहा है.
लखनऊ: बुलंदशहर हिंसा मामले में गिरफ्तार फौजी जीतू उर्फ़ जितेंद्र मलिक को उत्तर प्रदेश एसटीएफ आज बुलंदशहर की एक अदालत में पेश करेगी. लेकिन कोर्ट में पेश करने से पहले पूछताछ में उसने एसटीएफ के अधिकारियों के सामने इस बात को कबूल किया कि घटनावाले दिन भीड़ के समय वह घटना स्थल पर मौजूद था. लेकिन उसने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को गोली नहीं मारी है. बता दें कि बुलंदशहर हिंसा मामले में इन्स्पेटर सुबोध कुमार सिंह और स्थानीय नागरिक सुमित को गोली से मारने को लेकर जीतू पर आरोप लग रहा है.
फौजी जीतू से पूछताछ में एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि आरोपी जीतू उर्फ़ जितेंद्र मलिक इस बात को ने कबूल किया है कि जब भीड़ इकट्ठा हुई तो उस वक्त वो वहां मौजूद था, हालांकि अभी ये साफ नहीं हुआ कि इंस्पेक्टर सुबोध को उसने ही गोली मारी थी या नहीं. पूछताछ में जीतू ने कहा कि वो गांववालों के साथ वहां गया था, लेकिन पुलिस पर पत्थरबाजी नहीं की थी और न ही गोली चलाई.
उसका भाई निर्दोष है
वहीं जीतू के गिरफ्तारी से पहले उसका फौजी भाई धर्मेन्द्र मलिक जीतू का बचाव करते हुए कहा था कि उसके भाई को एक साजिश के तहत फसाया गया है. जबकि वह घटना के दिन घटना स्थल पर था ही नहीं. वहीं इस मामले में वह उत्तर प्रदेश के सीएम योगी से इस मामले में मदद को लेकर गुहार भी लगाईं थी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 3 दिसंबर को गौकशी को लेकर भड़की हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोधकुमार सिंह और स्थानीय नागरिक सुमित कुमार की गोली लगने के बाद मौत हो गई थी. पुलिस इस हिंसा मामले में 27 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी. जिसमे फौजी जीतू का भी नाम है. लेकिन घटना के बाद ही गिरफ्तारी के डर से वह जम्मू- कश्मीर भाग गया था. शनिवार रात उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने सेना द्वारा जीतू को सौपें जाने के बाद उसे उत्तर प्रदेश लेकर आई है. 22 साल का जीतू फौजी 22 राष्ट्रीय राइफल्स का हिस्सा है और जम्मू-कश्मीर के सोपोर में तैनात है.