नई दिल्ली, 23 जुलाई : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में अपना सातवां बजट पेश करते हुए घोषणा की कि उत्तर पूर्व में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) की 100 से अधिक शाखाएं स्थापित की जाएंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत के पूर्वोत्तर के विकास के दृष्टिकोण को यह कदम दर्शाता है.
आईपीपीबी देश के अंतिम छोर पर रहने वाले लोगों को विभिन्न उत्पाद और सेवाएं प्रदान करने में सबसे आगे है. यह डोर स्टेप बैंकिंग (डीएसबी) सेवाओं के साथ ग्राहकों को घर पर बैंकिंग सुविधाओं का अवसर भी देता है. इंडिया पोस्ट के व्यापक नेटवर्क के कारण, लाखों ग्राहकों को सहायक बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए 1.36 लाख से अधिक डाकघर देश के सबसे दूरदराज के इलाकों तक बैंकिंग को सुलभ बना रहा है. यह भी पढ़ें :Budget 2024: इस बार के बजट में क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा; यहां देखें पूरी लिस्ट
इस साल की शुरुआत में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जिसके आठ करोड़ ग्राहक अब इसकी वित्तीय सेवाओं से लाभान्वित हो रहे हैं. डाक विभाग के तहत स्थापित आईपीपीबी की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र सरकार के पास है. इसे 1 सितंबर, 2018 को लॉन्च किया गया था.
स्थापना के बाद से, आईपीपीबी देश के हर कोने में सुलभ और किफायती बैंकिंग समाधान प्रदान करने के लिए समर्पित रहा है. वित्तीय समावेशन के प्रति प्रतिबद्धता के साथ, आईपीपीबी ने दूर दराज और वंचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. डिजिटल बैंकिंग सेवाओं पर बैंक के फोकस ने निर्बाध लेनदेन की सुविधा प्रदान की है, जिससे बैंकिंग सेवाएं दूर दराज इलाकों तक पहुंचती हैं.