Budget 2024 Expectations: चुनाव से पहले खजाना खोल सकती है मोदी सरकार, टैक्स से लेकर रोजगार तक बजट में आम आदमी को ये उम्मीदें
अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग के लिए टैक्स छूट, महंगाई से राहत, किफायती आवास- होम लोन ब्याज दर में कमी, महिला उद्यमियों को समर्थन जैसी चीजों के ऐलान की भी संभावना है.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश करने वाली हैं. निर्मला सीतारमण लगातार छठवीं बार केंद्रीय बजट (Union Budget 2024) पेश करने वाली हैं. एक फरवरी 2024 को वित्त मंत्री यह मुकाम हासिल कर लेगीं. इस बार के बजट में कई सेक्टर्स के लिए बड़ा ऐलान हो सकता है. इसके अलावा, उम्मीद की जा रही है कि निर्मला सीतारमण बजट में मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों के लिए भी कुछ खास ऐलान कर सकती है. चुनाव के मद्देनजर, अंतरिम बजट (Interim Budget) से आम आदमी को कई उम्मीदें हैं. Union Budget vs Interim Budget: आम बजट और अंतरिम बजट में क्या अंतर है? आसान भाषा में समझिए.
चूंकि आम चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में सीतारमण के अंतरिम बजट में कोई बड़ा नीतिगत बदलाव होने की संभावना नहीं है. अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग के लिए टैक्स छूट, महंगाई से राहत, किफायती आवास- होम लोन ब्याज दर में कमी, महिला उद्यमियों को समर्थन जैसी चीजों के ऐलान की भी संभावना है. आम आदमी के लिए रोजगार सबसे बड़ी चिंता है. बेरोजगारी से जूझ रहा मध्यम वर्ग उन नीतियों और योजनाओं (Govt Schemes) का बेसब्री से इंतजार कर रहा है जो रोजगार के अधिक अवसर पैदा कर सकें. रेलवे, डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर में भी रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कुछ खास ऐलान हो सकता है.
उम्मीद की जा रही है कि भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) का विस्तार कर सकती है. वहीं ग्रामीण रोजगार योजना के तहत NREGS का भी बजट बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा रेलवे, डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर में भी रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कुछ खास ऐलान हो सकता है.
उद्योग जगत को ये उम्मीद
उद्योग जगत का मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने अंतरिम बजट में विनिर्माण को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बड़ी राशि निर्धारित करने और कराधान मोर्चे पर राहत देते हुए सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं पर अधिक ध्यान देंगी. उद्योग जगत का कहना है कि सरकार के लिए देश में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाना जरूरी है क्योंकि भारत आने वाले वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है.
उद्योग मंडल ने रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए परिधान, खिलौना, जूता-चप्पल जैसे श्रम-गहन क्षेत्रों में पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना) का विस्तार करने की वकालत की है. साथ ही आयात पर निर्भरता कम करने के लिए ऐसे पूंजीगत सामान, रसायन जैसे क्षेत्रों को भी इसके दायरे में लाने का सुझाव दिया है जिसमें आयात अधिक है लेकिन घरेलू स्तर पर क्षमता है.
लगातार छठी बार बजट पेश करेंगी निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को लगातार छठा बजट पेश करेंगी. इसके साथ ही वह देश की दूसरी वित्त मंत्री होंगी जो लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश करेंगी. यह उपलब्धि अब तक केवल पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है. सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने के साथ, मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी चिदंबरम और यशवंत सिन्हा जैसे पूर्व वित्त मंत्रियों के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ देंगी. इन नेताओं लगातार पांच बजट पेश किये थे. वित्त मंत्री के रूप में देसाई ने 1959-1964 के बीच पांच सालाना बजट और एक अंतरिम बजट पेश किये थे.
अपना छठा बजट पेश कर रहीं सीतारमण ग्रामीण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कुछ उपाय कर सकती हैं. इसका एक प्रमुख कारण वित्त वर्ष 2023-24 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर चार प्रतिशत से घटकर 1.8 प्रतिशत होने का अनुमान है.
नई सरकार पेश करेगी पूर्ण बजट
आम चुनावों के बाद नई सरकार जून के आसपास बनने की संभावना है. ऐसे में नई सरकार जुलाई में 2024-25 के लिए पूर्ण बजट लेकर आएगी. आम तौर पर, अंतरिम बजट में प्रमुख नीतिगत घोषणाएं नहीं होती हैं, लेकिन सरकार पर ऐसे कदम उठाने से कोई नहीं रोक नहीं है जो अर्थव्यवस्था के सामने आने वाले मुद्दों से निपटने के लिए जरूरी हैं.