Budget 2022: बजट से नाखुश किसान सगठनों ने किसानों को बड़े संघर्ष के लिए तैयार रहने की अपील की
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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) देश का आम बजट (Budget) पेश किया है और सरकार ने कृषि (Agriculture) क्षेत्र से जुड़े कई अहम ऐलान किए हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने इस बजट पर रोष व्यक्त कर कहा है कि, बजट ने दिखाया कि अपने मंत्रालय के नाम में किसान कल्याण (Farmers Welfare) जोड़ने के जुमले के बावजूद सरकार को किसानों (Farmers) के कल्याण की कोई परवाह नहीं है. बजट के मद्देनजर एसकेएम ने एक बयान जारी कर अपनी राय रखते हुए कहा है कि, सरकार ने कुल बजट में कृषि और उससे जुड़े हुए गतिविधियों का हिस्सा पिछले साल के 4.3 फीसदी से घटाकर इस साल 3.8 फीसदी कर दिया. वहीं हम बजट की निंदा करते हैं और देश के किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य और अन्य ज्वलंत मुद्दों के लिए एक और बड़े संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान करते हैं. Budget 2022: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा- भारत को उभरती वैश्विक अर्थव्यवस्था के केंद्र में रखेगा

एसकेएम के नेताओं के अनुसार, देश के किसानों को उम्मीद थी कि सरकार बजट में, लाभकारी मूल्य न मिलने, प्राकृतिक आपदाएं के कारन फसल के नुकसान का सामना करने, और गहरे कर्ज में डूबने से बचने के लिए विशिष्ट प्रभावी उपाय करेगी. लेकिन यह ऐसा है जैसे तीन किसान-विरोधी कानूनों पर अपनी हार से झल्लाई सरकार, किसानों से बदला लेने के लिए निकली है. किसान अपनी आय दोगुनी होने के समाचार का इंतजार कर रहे थे.

सरकार की किसानों की आय को दोगुना करने की रिपोर्ट के अनुसार, 2015-16 के लिए बेंचमार्क कृषि घरानों की आय 8,059 रुपए थी और मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए इसे वास्तविक रूप से दोगुना करने का वादा किया गया था. यह 2022 में लक्षित आय को 21,146 रुपए रखता है. लेकिन, एनएसएसओ के 77वें दौर से पता चलता है कि 2018-19 में, औसत कृषि घरनों की आय केवल 10,218 रुपए थी.

अगले 3 वर्षों के लिए कृषि में जीवीए की वृद्धि दर का अनुमान लगाते हुए, 2022 में आय अभी भी 12,000 रुपए प्रति माह से कम है, जो आय को दोगुना करने के लक्ष्य से बहुत दूर है.

एसकेएम ने बताया कि, बजट भाषण में केवल 1.63 करोड़ किसानों से धान और गेहूं की खरीद का उल्लेख किया गया है, जो देश के सभी किसानों का लगभग 10 फीसदी है. धान और गेहूं के मामले में भी, बजट भाषण से पता चलता है कि 2020-21 की तुलना में 2021-22 में खरीद में गिरावट आई है.

वित्त मंत्री ने गर्व से घोषणा की कि 2021-22 में गेहूं और धान की खरीद 163 लाख किसानों से 1208 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान को कवर करेगी और 2.37 लाख करोड़ एमएसपी मूल्य का सीधा भुगतान उनके खातों में होगा, ये आंकड़े 2020-21 की तुलना में एक गंभीर कमी को दर्शाते हैं.

दरअसल बजट में सरकार ने कृषि सेक्टर में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का ऐलान किया है. वहीं वित्त मंत्री ने धान और गेहूं की खरीद के लक्ष्य को बढ़ाने का फैसला किया है.

इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि, यह अगले 25 साल की बुनियाद का बजट है, आधुनिक बुनियादी ढांचे पर निवेश की योजना है. इस बजट में आम निवेश को बढ़ावा मिलेगा वहीं अगले 3 सालों के दौरान बेहतर दक्षता वाली 400 नई पीढ़ी की वंदेभारत ट्रेनें लाई जाएंगी. वहीं तकनीक से जुड़े विकास पर सरकार का ध्यान है, हम चुनौती उठाने की मजबूत स्थिति में हैं.