इकोनॉमिक सर्वे में देश की GDP को लेकर कही गई है ये महत्वपूर्ण बातें, जो आपके जीवन पर डालेंगे असर

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2020-21 (Economic Survey) पेश की जिसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की वास्‍तविक जीडीपी वृद्धि दर 11 प्रतिशत और सांकेतिक जीडीपी वृद्धि दर 15.4 प्रतिशत रहेगी, जो देश की आजादी के बाद सर्वाधिक है.

अर्थव्यवस्था की रफ्तार होगी तेज (Photo Credits: Unsplash)

Economic Survey 2020-21: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2020-21 (Economic Survey) पेश की जिसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की वास्‍तविक जीडीपी वृद्धि दर 11 प्रतिशत और सांकेतिक जीडीपी वृद्धि दर 15.4 प्रतिशत रहेगी, जो देश की आजादी के बाद सर्वाधिक है. व्‍यापक टीकाकरण अभियान, सेवा क्षेत्र में तेजी से हो रही बेहतरी और उपभोग एवं निवेश में त्‍वरित वृद्धि की संभावनाओं की बदौलत देश में ‘V’ आकार में आर्थिक विकास संभव होगा. Budget 2021: ई-कॉमर्स व्यापार बढ़ाने के लिए बजट में बड़े कदमों की घोषणा कर सकती है मोदी सरकार

आर्थिक सर्वेक्षण यानी इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि पिछले वर्ष के अपेक्षा से कम रहने वाले संबंधित आंकड़ों के साथ-साथ कोविड-19 के उपचार में कारगर टीकों का उपयोग शुरू कर देने से देश में आर्थिक गतिविधियों के निरंतर सामान्‍य होने की बदौलत ही आर्थिक विकास फिर से तेज रफ्तार पकड़ पाएगा. भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर इकोनॉमिक सर्वे में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया गया है.

आर्थिक समीक्षा 2020-21 में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद भारत ने जीवन और आजीविका की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया. यह प्रयास उस मानवीय सिद्धांत पर आधारित है, जिसके अंतर्गत लोगों की जिंदगी वापस नहीं लायी जा सकती. महामारी के कारण जीडीपी में कमी आई. जीडीपी में रिकवरी संभावित है. शुरुआत में ही कड़े लॉकडाउन के कारण लोगों के जीवन की रक्षा करने तथा आजीविका सुरक्षित करने में सहायता मिली. अत्यधिक अनिश्चितता की स्थिति में कम से कम नुकसान होने की नीति अपनाई गई. भारत की रणनीति ने ग्राफ को संरेखीय बनाया और सबसे खराब स्थिति आने की संभावना को सितंबर 2020 तक टाल दिया.

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