Delhi Air Quality: दिल्ली और एनसीआर में सुबह उठते ही लोग धुंध की मोटी परत और भारीपन भरी हवा महसूस कर रहे हैं. त्योहारों के बाद शुरू हुआ प्रदूषण का असर अभी भी कम नहीं हुआ है. मंगलवार सुबह एयर क्वालिटी के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि राजधानी की हवा फिर से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है. लोग गले में जलन, आंखों में खुजली और सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियों की शिकायत कर रहे हैं.
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आधे कर्मचारी घर से काम करेंगे
प्रदूषण तेजी से बढ़ने के बाद दिल्ली सरकार ने एहतियात के तौर पर बड़ा फैसला लिया है. प्रशासन ने सरकारी और निजी संस्थानों को आदेश दिया है कि वे अपने लगभग 50 फीसदी स्टाफ को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दें. इसका उद्देश्य सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करना और हवा पर बढ़ते दबाव को थोड़ा कम करना है. यह कदम ग्रेप-3 के नियमों के तहत उठाया गया है, जो हवा बेहद खराब होने पर लागू होता है.
लोकल डेटा के अनुसार एक्यूआई
- आनंद विहार – 402
- रोहिणी – 416
- जहांगीरपुरी/वजीरपुर – 400
- द्वारका – 379
- आईटीओ – 380
- गाजियाबाद वसुंधरा – 373
- नोएडा सेक्टर 62 – 352
- गुरुग्राम सेक्टर 51 – 338
कई इलाकों में AQI 400 से ऊपर
राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई है. आनंद विहार, रोहिणी और जहांगीरपुरी जैसे जगहों पर एक्यूआई 400 के आसपास पहुंच गया है, जो सीधे-सीधे 'गंभीर' श्रेणी में आता है. आईटीओ, द्वारका और बवाना जैसे इलाकों में भी हालात सामान्य से काफी बिगड़े हुए हैं.
यह स्तर इतना खराब माना जाता है कि स्वस्थ लोग भी हवा का असर महसूस करने लगते हैं और अस्थमा पीड़ितों के लिए काफी जोखिम बढ़ जाता है.
नोएडा और गाजियाबाद का हाल भी खराब
दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में भी प्रदूषण का स्तर लगातार ऊपर जा रहा है. नोएडा सेक्टर-62 में वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई. गाजियाबाद के वसुंधरा क्षेत्र का एक्यूआई 373 तक पहुंच गया, जबकि गुरुग्राम के सेक्टर-51 में भी हवा की स्थिति सामान्य से कहीं खराब दिखी.
विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की रफ्तार धीमी है और तापमान भी गिर रहा है, ऐसे में अगले कुछ दिनों तक राहत मिलने की संभावना कम है.













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