भारत ने किया सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस' परीक्षण, चीन-पाकिस्तान की फूल गई सांसे
12 जून, 2001 को ब्रह्मोस का पहला सफल परीक्षण किया गया था. इस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है.
नई दिल्ली. भारत की स्वदेशी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस' का आज ओडिशा के चांदीपुर परीक्षण केंद्र से परीक्षण किया गया है. जानकारी के अनुसार, यह परीक्षण सुबह 10 बजे किया गया है. बताना चाहते है कि इसी साल मई में भी मिसाइल का परीक्षण किया गया था. उस दौरान डीआरडीओ ने ब्रह्मोस मिसाइल की आयुसीमा 10 से 15 साल तक बढ़ाने के बाद परीक्षण किया था. ओडिशा के बालासोर जिले में अग्नि-5 को अब्दुल कलाम आइसलैंड से इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज द्वारा लॉच किया गया था. यह बेहद शक्तिशाली मिसाइल 5,000 किलोमीटर तक मार कर सकती है और इसकी रेंज में भारत के पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान भी हैं.
गौरतलब है कि 12 जून, 2001 को ब्रह्मोस का पहला सफल परीक्षण किया गया था. इस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है. ब्रह्मोस मिसाइल आवाज की गति से करीब तीन गुना अधिक यानी 2.8 माक की गति से हमला करने में सक्षम है.
जानकारी के अनुसार यह मिसाइल 8.4 मीटर लंबी तथा 0.6 मीटर चौड़ी है. साथ ही इसका वजन 3 हजार किलोग्राम है. यह 300 किग्रा. वजन तक विस्फोटक ढोने तथा 350 किमी. तक मार करने की क्षमता रखती है. इस मिसाइल को पहले ही सेना में शामिल कर लिया गया है.