बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में एक महिला के खिलाफ दायर आरोपपत्र को रद्द कर दिया, जिस पर अपने पति को झाड़ू से पीटने और उसका हाथ काटने का आरोप था. आरोप पत्र को रद्द करते हुए, अदालत ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 324 के अपराध का गठन करने वाली सामग्री अनुपस्थित थी. जस्टिस प्रकाश डी नाइक और जस्टिस एनआर बोरकर की डिविजन बेंच ने महिला की रिट याचिका को स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की. "आईपीसी की धारा 324 के तहत अपराध का गठन करने के लिए आवश्यक तत्व पूरी तरह से अनुपस्थित हैं. Surrogacy for Unmarried Women: सिंगल और अविवाहित महिलाओं को मिलेगी सरोगेसी की अनुमति? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब.
शिकायतकर्ता ने जो मेडिकल रिपोर्ट पेश की है, उससे प्रतीत होता है कि पति को गंभीर चोट लगी है, मगर पुलिस की रिपोर्ट से इसके संकेत नहीं मिलते हैं. रिपोर्ट पति के स्वंय को चोटिल करने के संकेत की संभावना व्यक्त करती है.
Bombay High Court Quashes Chargesheet Against Woman Accused Of Beating Husband With Broom, Biting Handhttps://t.co/wwDVLZ0d7x
— Live Law (@LiveLawIndia) December 10, 2023
अदालत ने कहा, चार्जशीट से पत्नी (याचिकाकर्ता) के खिलाफ किसी अपराध का खुलासा नहीं होता है. वैसे भी याचिकाकर्ता के पति की मौत हो चुकी है, ऐसे में पत्नी के खिलाफ केस से जुड़ी कार्यवाही जारी रखना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है. शिकायतकर्ता की मृत्यु हो चुकी है. गवाह का बयान शिकायतकर्ता के बयान का समर्थन नहीं करता है.