विजय माल्या को फिर लगा कोर्ट से बड़ा झटका, बॉम्बे HC ने भगोड़ा घोषित करने के खिलाफ खारिज की याचिका

भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को एक बार फिर कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने माल्या की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने और उनकी संपत्तियां जब्त करने के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आग्रह पर रोक की मांग की गई थी.

विजय माल्या (Photo credits: ANI)

मुंबई: भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को एक बार फिर कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने माल्या की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने और उनकी संपत्तियां जब्त करने के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आग्रह पर रोक की मांग की गई थी. ईडी ने विशेष पीएमएलए अदालत के सामने एक याचिका दायर करके माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून, 2018 के तहत ‘भगोड़ा’ घोषित करने का अनुरोध किया था. कानून के प्रावधानों के तहत, किसी व्यक्ति के एक बार भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित होने के बाद अभियोजन एजेंसी के पास आरोपी की संपत्तियों को जब्त करने की शक्तियां आ जाती हैं.

विजय माल्या ने निचली अदालत में आवेदन दायर करके ईडी की याचिका पर सुनवाई पर 26 नवंबर तक रोक का अनुरोध किया था. 26 नवंबर को पीएमएलए के तहत संचालित अपीलीय न्यायाधिकरण बैंकों के परिसंघ द्वारा उनका बकाया वापस पाने के लिए दायर मामलों की सुनवाई करेगी. इससे पहले विशेष अदालत ने 30 अक्टूबर को माल्या का आवदेन खारिज किया था जिसके बाद शराब कारोबारी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. यह भी पढ़ें- विजय माल्या को लगा बड़ा झटकाः UK हाईकोर्ट ने दिया 88 हजार पाउंड जमा करने का आदेश, घर से हो सकते हैं बेदखल

बता दें कि इससे पहले बुधवार को यूके की हाईकोर्ट ने माल्या को आदेश देते हुए कहा है कि वो स्विस बैंक यूबीएस को 80,000 पाउंड की राशि अदा करें. साथ ही कोर्ट ने माल्या को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें लंदन स्थित घर से बेदखल होना पड़ेगा.

गौरतलब है कि देश छोड़कर भाग चुके शराब कारोबारी विजमाल्या ने देश के 13 बैंकों को 9,432 करोड़ रुपये का चूना लगाया है. इसमें 1600 करोड़ का सबसे ज्यादा कर्ज एसबीआई ने दिया था. इसके बाद पीएनबी (800 करोड़), आईडीबीआई (650 करोड़) और बैंक ऑफ बड़ौदा का नंबर है. माल्या इस समय लंदन में हैं और सरकार उनके प्रत्यर्पण के लिए कोशिश कर रही है.

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