नई दिल्ली, 23 अगस्त: बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी छात्रों को इन परीक्षाओं में से अपने सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाए रखने की अनुमति होगी बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अब बोर्ड परीक्षाओं का उद्देश्य छात्रों में विषयों की समझ का मूल्यांकन करना होगा विशेषज्ञों का मानना है कि इस नई पद्धति से कोचिंग और याद रखने की आवश्यकता में कमी आएगी. यह भी पढ़े: NCERT New Syllabus: एनसीईआरटी ने कक्षा 10 की किताबों से हटाए पीरियोडिक टेबल सहित ये चैप्टर, COVID-19 के कारण लिया फैसला
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि इसके अलावा, 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान विषयों का चयन सीमित नहीं रहेगा छात्रों को 11वीं और 12वीं कक्षा में अपनी पसंद के विषय चुनने की सुविधा मिलेगी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक कक्षा 11 और 12 के छात्रों को कम से कम दो भाषाएं पढ़नी होंगी मंत्रालय का कहना है कि 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाई जाने वाली इन भाषाओं में से एक भारतीय भाषा होनी चाहिए.
दरअसल, बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क पर एक संयुक्त व महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गौरतलब है कि कस्तूरीरंगन के मार्गदर्शन में स्टीरिंग समिति ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत करिकुलम फ्रेमवर्क पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है कस्तूरीरंगन समिति ने अपनी रिपोर्ट व करिकुलम फ्रेमवर्क सरकार को सौंप दिया है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि शिक्षा मंत्रालय ने आगे की कार्रवाई के लिए ही इसे एनसीईआरटी को दिया है गौरतलब है कि एनसीईआरटी स्कूली शिक्षा के लिए पाठ्यपुस्तकें तैयार करती हैं एनसीईआरटी ने करिकुलम पर दो समितियां बनाई हैं इनमे राष्ट्रीय निरीक्षण समिति और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक समिति बनाई हैं.
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि ये दोनों समितियां 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुसार और मूल भारतीय सोच पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार करेंगी शिक्षा मंत्री ने कहा कि कक्षा 3 से 12 तक के लिए भविष्य की शिक्षण और शिक्षण सामग्री तैयार करने के लिए कहा गया है इसको लेकर पहली ओरिएंटेशन बैठक बुधवार को हुई.
शिक्षा मंत्री का कहना है कि हमें विश्वास है कि नई पाठ्यपुस्तकें सभी आवश्यकताओं को पूरा करेंगी खासतौर पर जब दुनिया भारत से बहुत उम्मीद कर रही है, जब पीएम ने अमृत काल का सपना दिखाया है, ऐसे समय में नई पाठ्यपुस्तकें आवश्यकताओं को पूरा करेंगी हाल ही में स्कूली पाठ्य पुस्तकें तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है इस 'राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण शिक्षण सामग्री समिति' में कई शिक्षाविद्, अर्थशास्त्री व विशेषज्ञ शामिल हैं.
इनमें इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल, प्रसिद्ध संगीतकार व गायक शंकर महादेवन समेत सदस्य हैं महेश चंद्र पंत इस 19 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड प्लानिंग इन एडमिनिस्ट्रेशन के चांसलर हैं.
समिति के सह-अध्यक्षता प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मंजुल भार्गव को सौंपी गई है समिति में चामू कृष्ण शास्त्री भी शामिल हैं वह भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की उच्चाधिकार प्राप्त, भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष भी हैं 'राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण शिक्षण सामग्री समिति' एक स्वायत्त समिति होगी और इसका कार्य कक्षा 3 से 12वीं तक के छात्रों का सिलेबस तैयार करना है.