Bihar Politics: चिराग पासवान ने नीतीश सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति शासन की मांग की

सोहसराय में शराब से हुई मौत मामले में मृतक के परिजनों को सांत्वना देने लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान छोटी पहाड़ी गांव पहुंचे. पीड़ित परिवारों से मिलकर उन्होंने गहरी संवेदना जताई. पासवान मृतकों के घर गए और उनके परिजनों से मिलकर शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी. पीड़ित परिजनों से मिलने के बाद चिराग ने बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा.

चिराग पासवान (Photo Credits PTI)

बिहारशरीफ: बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के गृह जिले नालंदा (Nalanda) के सोहसराय थाना क्षेत्र में शराब (Liquor) पीने से हुई लोगों की मौत के बाद अब सियासत प्रारंभ हो गई है. सत्ताधारी गठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने तो तीन कृषि कानून की तरह शराबबंदी कानून को वापस लेने तक की मांग कर डाली. इस बीच, सोमवार को प्रभावित गांव पहुंचे लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने तक की मांग कर दी. Bihar: बिहार में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 11 हुई

सोहसराय में शराब से हुई मौत मामले में मृतक के परिजनों को सांत्वना देने लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान छोटी पहाड़ी गांव पहुंचे. पीड़ित परिवारों से मिलकर उन्होंने गहरी संवेदना जताई. पासवान मृतकों के घर गए और उनके परिजनों से मिलकर शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी. पीड़ित परिजनों से मिलने के बाद चिराग ने बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा.

उन्होंने कहा कि नीतीश जी बताएं कि और कितनी मौतों का इंतजार कर रहे हैं. आपके गृह जिले में ही 12 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई. उन्होंने कहा कि यह सब खेल शासन, प्रशासन की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है.

चिराग ने कहा, शराब तस्कारों को शासन, प्रशासन का संरक्षण मिल रहा है. बिहार में शराबबंदी के अलावा और किसी बात की चर्चा नहीं होती है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री से कानून व्यवस्था नहीं संभल रही है. अब राज्यपाल से मिलकर कहा जाएगा कि बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है, समय आ गया है कि अब राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए. शराबबंदी के समर्थन करने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि शराबबंदी का हम भी समर्थन करते हैं, लेकिन शराब कहीं बंद नहीं है. जहरीली शराब पीने से मौत हो रही है.

इधर, हम के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि प्रधानमंत्री तीन कृषि कानूनों को वापस ले सकते हैं, तो शराबबंदी कानून पर समीक्षा नहीं करना कहां तक उचित है. उन्होंने कहा कि शराब बंद करना सिर्फ कहा जा सकता है व्यवहारिक तौर पर इसे लागू नहीं किया जा सकता.

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