AES: बिहार में चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए चलाया जायेगा कम्युनिटी किचन
बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चों को एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के प्रकोप से बचाने के लिए तैयारी अभी से ही शुरू कर दी गई है. इस वर्ष इस क्षेत्र में सामुदायिक रसोईघर चलाने का निर्णय लिया गया है, ताकि इस क्षेत्र के बच्चे भूखे न सोएं.
मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चों को एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के प्रकोप से बचाने के लिए तैयारी अभी से ही शुरू कर दी गई है. इस वर्ष इस क्षेत्र में सामुदायिक रसोईघर (community kitchen) चलाने का निर्णय लिया गया है, ताकि इस क्षेत्र के बच्चे भूखे न सोएं. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि एईएस के प्रकोप से बचने के लिए इस बार कई तैयारी समय रहते की जा रही हैं. बच्चों को रात में भूख से बचाने के लिए इस बार कम्युनिटी किचन चलाया जाएगा. बाढ़ के दौरान इसकी उपयोगिता को देखते हुए एईएस झेलने के दौरान भी इस कारगर योजना को अपनाया जाएगा.
राज्य सरकार और केयर इंडिया मिलकर कम्युनिटी किचन चलाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि 15 साल तक के बच्चे रात को भूखे पेट न सोएं. उन्होंने कहा कि पिछले मामलों के अध्ययन से यह बात सामने आई है कि काफी बच्चे खाली पेट सो जाते हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य गिरता है. इसी समस्या के समाधान के लिए सामुदायिक रसोईघर चलाने का निर्णय लिया गया है.
यह भी पढ़ें : बिहार: कांग्रेस ने साधा बीजेपी पर निशाना, कहा ‘पार्टी के डीएनए में झूठ, धोखा और साजिश’
एईएस को लेकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ न्यूरो साइंस वायरस रिसर्च डायग्नोस्टिक लैबोरेट्री (NIMHANS) द्वारा मुजफ्फरपुर सहित उत्तरी बिहार के 11 जिलों के 36 चिकित्सकों और नर्सो को प्रशिक्षित किया जा रहा है. इसके अलावा लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए अभियान शुरू किया गया है.
भारतीय बाल अकादमी, बिहार के पूर्व अध्यक्ष और एईएस के लिए लगातार अध्ययन कर रहे डॉ. अरुण शाह का कहना है कि एईएस से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है.