नई दिल्ली, 4 फरवरी : बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने रविवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बिहार भाजपा के प्रभारी एवं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े से मुलाकात कर बिहार के राजनीतिक हालात, एनडीए गठबंधन सरकार,आगामी लोकसभा और राज्यसभा चुनाव सहित संगठनात्मक विषयों से जुड़े अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दों और पार्टी के आगामी कार्यक्रमों को लेकर चर्चा की.
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर से एनडीए गठबंधन की सरकार बनने के बाद राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा की यह पहली दिल्ली यात्रा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ दोनों उपमुख्यमंत्रियों की मुलाकात को बिहार की राजनीति के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है.
शाह के साथ लगभग एक घंटे तक चली मुलाकात में दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने उन्हें बिहार के ताजा राजनीतिक हालात से अवगत कराया और साथ ही उन्हें बिहार विधान सभा के आगामी सत्र को लेकर भी जानकारी दी. हालांकि बताया जा रहा है कि इस अहम मुलाकात में नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार,आगामी लोकसभा चुनाव से जुड़ी तैयारियों के साथ-साथ राज्य में एनडीए गठबंधन की मजबूती, तेजस्वी यादव के दावे को देखते हुए नीतीश सरकार के पास बहुमत होने और आगामी राज्य सभा चुनाव से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी चर्चा हुई.
शाह के साथ मुलाकात करने से पहले चौधरी और सिन्हा दोनों ही उपमुख्यमंत्रियों ने बिहार के प्रभारी विनोद तावड़े से भी मुलाकात की। इसके साथ ही दोनों नेताओं ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की. तीनों नेताओं से मुलाकात के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि उन्हें शीर्ष नेतृत्व का आशीर्वाद मिला है और राज्य में एनडीए सरकार युवाओं को रोजगार देने, कानून व्यवस्था ठीक करने और बिहार में फिर से सुशासन स्थापित करने सहित अपने तमाम वादे पूरे करेंगी.
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि प्रक्रिया चल रही है और विस्तार होगा. वहीं शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद सम्राट चौधरी ने बिहार में यथाशीघ्र ही नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल के विस्तार का दावा करते हुए बताया कि आला नेताओं से उन्हें जनता से 2020 में किए गए वादे को पूरा करने के लिए जुट जाने का निर्देश मिला है. दोनों नेताओं ने बिहार में फिर से सुशासन स्थापित करने और युवाओं को रोजगार देने सहित कई प्राथमिकताओं को गिनाते हुए आरजेडी और लालू यादव परिवार की जमकर आलोचना भी की.