जमुई, 24 फरवरी : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में शराबबंदी के बाद 1.64 करोड़ लोगों ने राज्य में शराब पीना छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि हाशिये में खड़े लोगों के विकास के लिए सरकार द्वारा लगातार पहल की जा रही है. अपने समाज सुधार अभियान के तहत मुख्यमंत्री बुधवार को जमुई के श्रीकृष्ण सिंह मेमोरियल स्टेडियम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान में भी सभी राज्यों को यह अधिकार दिया गया है कि अगर वो चाहे तो अपने-अपने राज्यों में शराबबंदी लागू कर सकता है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में हमने सर्वे कराया था जिसमें यह पता चला कि करीब 1 करोड़ 64 लाख लोगों ने अब शराब पीना छोड़ दिया है. इस बार फिर से इसको लेकर सर्वे किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शराब पीने के पक्षधर लोग कहते हैं कि नहीं पीयेंगे तो तबीयत खराब हो जायेगी. यह बिल्कुल गलत बात है. शराब पीने से तबीयत ठीक नहीं बल्कि खराब होती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि चंद लोग गड़बड़ मानसिकता के होते हैं. यह प्रकृति की ही देन है कि सभी लोग सही नहीं हो सकते हैं. 10 प्रतिशत से कम लोग गड़बड़ी करने वाले होते हैं. यह भी पढ़ें : शिक्षकों ने हिजाब उतारने के लिए कहा: दिल्ली के सरकारी स्कूल की छात्रा
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरी दुनिया का वर्ष 2016 में सर्वेक्षण कराया और 2018 में ही रिपोर्ट को प्रकाशित किया. उस रिपोर्ट में बताया गया है कि शराब पीने से दुनिया में एक साल में 30 लाख लोगों की मृत्यु होती है यानि दुनिया में जितनी मृत्यु हुई है उसका 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से हुयी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ भी राज्य में वर्ष 2017 में अभियान की शुरूआत हुई थी. शराबबंदी के बाद बिहार में सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी आयी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने हाशिये पर खड़े लोगों के उत्थान के लिए विशेष पहल की. सभी धर्म समुदाय के विकास के लिए हमलोगों ने काम किया.