राहुल गांधी का बड़ा बयान, कहा- चीन ने दिल्ली जितने क्षेत्र की भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया है
गांधी ने पणजी के पास कांग्रेस पार्टी की बैठक में कहा, इस देश में एक त्रासदी सामने आ रही है. चीनी हमारे देश में प्रवेश करते हैं, हमारी हजारों किलोमीटर की जमीन पर कब्जा कर लेते हैं. लगभग दिल्ली के आकार की भूमि पर उनके द्वारा कब्जा कर लिया गया है. वे आज भारतीय क्षेत्र के अंदर बैठे हैं और पीएम कहते हैं कि किसी ने हमारी जमीन नहीं ली है.
पणजी: कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शनिवार को यहां कहा कि चीन (China) हमारे देश में घुसपैठ कर रहा है और लगभग दिल्ली (Delhi) जितने क्षेत्र पर उन्होंने कब्जा कर लिया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर देश के लाखों किसानों, श्रमिकों और छोटे व्यापारियों को दरकिनार करते हुए केंद्र सरकार पर क्रोनी कैपिटलिज्म को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. Rahul Gandhi ने भूटान और चीन के बीच बनी सहमति को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा
गांधी ने पणजी के पास कांग्रेस पार्टी की बैठक में कहा, इस देश में एक त्रासदी सामने आ रही है. चीनी हमारे देश में प्रवेश करते हैं, हमारी हजारों किलोमीटर की जमीन पर कब्जा कर लेते हैं. लगभग दिल्ली के आकार की भूमि पर उनके द्वारा कब्जा कर लिया गया है. वे आज भारतीय क्षेत्र के अंदर बैठे हैं और पीएम कहते हैं कि किसी ने हमारी जमीन नहीं ली है.
उन्होंने कहा, भाई भाई के खिलाफ खड़ा है. देश बंटा हुआ है, नफरत फैलाई जा रही है और वही पांच-छह लोगों को फायदा पहुंच रहा है. सारी साजिश यही है कि वही पांच या छह लोग लाभान्वित हों. कोई फर्क नहीं पड़ता अगर देश जलता है, कोई फर्क नहीं पड़ता अगर पूरे देश में नफरत फैलती है, लेकिन उन्हीं पांच या छह लोगों को फायदा होना चाहिए. यही आज के भारत की सच्चाई है.
उन्होंने कहा, उनके कुछ दोस्तों की मदद करने के लिए जीएसटी लाया गया और अब अंत में आप पूरे देश में किसानों को आंदोलन करते हुए देख रहे हैं, क्योंकि भाजपा और मोदी ने तीन नए कृषि कानून पारित किए हैं, जो देश के किसानों को कुचलने के लिए बनाए गए हैं.
गांधी ने मीडिया पर देश के लिए प्रासंगिक मुद्दों को कवर नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश में ये पांच-छह लोग ही लाभान्वित हो रहे हैं और लाखों-करोड़ों लोगों को व्यवस्थित रूप से दरिकनार किया जा रहा है, जिसमें छोटे किसान और व्यवसायी भी शामिल हैं.