मोदी सरकार का बड़ा फैसला- 200 करोड़ से कम के टेंडर सिर्फ देसी कंपनियों को, 15 हजार से कम वेतन वालों का अगस्त तक भरेगी पीएफ

कर्मचारियों के हाथ में वेतन की रकम अधिक देने के लिए सरकार ने ईपीएफ अंशदान की रकम तीन महीने के लिए कम कर दी है. यह व्यवसायों और श्रमिकों दोनों के लिए मान्य होगा. यानि कि अब 12 फीसदी के बजाय 10 फीसदी पीएफ कटौती की जाएगी.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: देश को कोरोना (Coronavirus) संकट से उबारने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए मोदी सरकार की ओर से बुधवार को कई बड़े ऐलान किए. छोटे उद्योग को सहारा देने के लिए 3 लाख करोड़ का बिना गारंटी लोन देने की घोषणा की गई. जबकि  200 करोड़ से कम वाले सरकारी टेंडरो में सिर्फ भारतीय कंपनियां ही हिस्सा ले सकेंगी. इसमें कोई ग्लोबल टेंडर शामिल नहीं होगा और लघु, सूक्ष्म, मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को फायदा पहुंचेगा.

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज में एक सुविधा दी गई थी कि 12-12 फीसदी ईपीएफ (EPF) कर्मचारी और नौकरी देने वाले को भारत सरकार देगी ये पहले तीन महीनों के लिए किया गया था जिसे अब तीन महीने और बढ़ाकर अगस्त तक कर दिया गया है. इससे 3  लाख 67 हजार संस्थाओं के 72 लाख 22 हजार कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. सरकार के इस कदम से लाखों लोगों की नौकरियां बचने की उम्मीद है. कोरोना संकट से उबारने के लिए मोदी सरकार ने खोला पिटारा, छोटे उद्योग को देगी 3 लाख करोड़ का बिना गारंटी लोन

उधर, कर्मचारियों के हाथ में वेतन की रकम अधिक देने के लिए सरकार ने पीएफ अंशदान की रकम तीन महीने के लिए कम कर दी है. यह व्यवसायों और श्रमिकों दोनों के लिए मान्य होगा. यानि कि अब सैलरी में से 12 फीसदी के बजाय 10 फीसदी की कटौती की जाएगी. इसके लिए 6750 करोड़ रुपये की राशि लिक्विडिटी सहायता के तौर पर दी जाएगी.

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्‍ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि था 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के आगे बढ़ना है और देश आत्मनिर्भर बनाना है. इस संकट को एक अवसर में बदला जाएगा. उन्होंने कहा कि आर्थिक पैकेज ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के लक्ष्‍य को प्राप्त करने की दिशा में काफी सहायक साबित होगा. इस दौरान उन्होंने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था.

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